[NEWS]
Iran Nuclear Sites Hit by US B2 Bombers: ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका ने भी खुलकर हस्तक्षेप कर दिया है. रविवार तड़के अमेरिकी सेना ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हवाई हमला कर दिया. इस सैन्य कार्रवाई की जानकारी खुद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर दी.
ट्रंप ने अपने पोस्ट में दावा किया कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान को निशाना बनाया और “बहुत सफल हमला” किया. ट्रंप ने यह भी बताया कि ऑपरेशन के बाद अमेरिकी फाइटर जेट्स बिना किसी नुकसान के ईरानी हवाई क्षेत्र से सुरक्षित निकल गए.
हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किस प्रकार के लड़ाकू विमानों का उपयोग किया गया, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स और रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस मिशन में अमेरिका के B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स शामिल थे. पहले भी ऐसी खबरें आई थीं कि अमेरिका ने अपने B-2 विमान गुआम में तैनात कर दिए हैं, लेकिन अमेरिकी प्रशासन ने इस पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया.
इसे भी पढ़ें: क्या अमेरिका पर हमला करेगा ईरान? हवाई हमले के बाद फूटा गुस्सा
B-2 स्टील्थ बॉम्बर, अचूक वार का हथियार
B-2 अमेरिकी वायुसेना का एक बेहद उन्नत और आधुनिक बमवर्षक विमान है. यह विमान विशेष रूप से गहराई में छिपे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह एक बार में दो GBU-57 M***ive Ordnance Penetrator (MOP) बम ले जा सकता है, जिनका वजन 30,000 पाउंड यानी लगभग 13.5 टन होता है.
ये बम इतने शक्तिशाली होते हैं कि 60 फीट मोटी कंक्रीट या 200 फीट गहरी मिट्टी को भेद सकते हैं. खासतौर पर ईरान के फोर्डो परमाणु प्लांट, जो पहाड़ों के नीचे करीब 80 मीटर गहराई में स्थित है, ऐसे बंकर बस्टर बमों का प्रमुख लक्ष्य होता है.
इसे भी पढ़ें: ईरान को ट्रंप की धमकी, नहीं रुके तो दोबारा करेंगे हमला, परमाणु ठिकानों पर बरसाए बम
रेडार को चकमा देने में माहिर
B-2 की सबसे बड़ी ताकत इसका स्टील्थ फीचर है. इसकी खास “फ्लाइंग विंग” डिजाइन और रेडार-अवशोषित सामग्री की वजह से यह सामान्य रडार पर नजर नहीं आता. इसका रेडार क्रॉस-सेक्शन महज 0.001 वर्ग मीटर है, जो एक छोटे पक्षी के बराबर होता है. यही कारण है कि यह दुश्मन की सीमा में घुसकर बिना पता लगे हमला कर सकता है.
यह विमान पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है और 40,000 पाउंड तक हथियारों के साथ 6000 मील की दूरी तक उड़ान भर सकता है, वो भी बिना ईंधन भरे. इस विमान को साल 1997 में सेवा में लाया गया था और इसे उड़ाने के लिए दो पायलटों की जरूरत होती है.
इसे भी पढ़ें: ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिका ने किया हमला, बोले नेतन्याहू- शक्ति से ही आती है शांति
[SAMACHAR]
Source link