9 जुलाई 2025, बुधवार को पूरे देश में भारत बंद का ऐलान किया गया है। इस बंद का आह्वान देश की प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने मिलकर किया है। यूनियनों का कहना है कि केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियां और कॉरपोरेट समर्थक सुधार उनके हितों के खिलाफ हैं। यूनियन नेताओं के अनुसार, सरकार लगातार उनकी 17 सूत्रीय मांगों की अनदेखी कर रही है।
कौन-कौन शामिल है इस हड़ताल में?
देश की 10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों—जैसे AITUC, CITU, INTUC, HMS, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF और UTUC—ने अपने सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर इस हड़ताल में भाग लेने का फैसला किया है। इसके अलावा, अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ, बीईएफआई और बंगाल प्रांतीय बैंक कर्मचारी संघ भी हड़ताल में शामिल हैं। यूनियनों के मुताबिक, इस हड़ताल में 25 से 30 करोड़ कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।
9 जुलाई को कौन-कौन सी सेवाएं रहेंगी ठप?
इस हड़ताल का असर कई सेक्टर्स में देखने को मिलेगा। खासकर सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों की सेवाएं प्रभावित होंगी।
बंद रहने वाली प्रमुख सेवाएं:
बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेस (जैसे नकद निकासी, चेक क्लियरेंस, कस्टमर सर्विस)
बीमा कंपनियों के दफ्तर
पोस्ट ऑफिस में डाक सेवाएं
कोल माइनिंग और फैक्ट्रियों का कामकाज
स्टेट ट्रांसपोर्ट सेवाएं (कुछ राज्यों में)
पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज (PSUs)
अगर आप 9 जुलाई को बैंक या बीमा कार्यालय जाने की सोच रहे हैं, तो अपना काम पहले ही निपटा लें, क्योंकि इन सेवाओं पर कामकाज पूरी तरह से रुक सकता है।
क्या खुला रहेगा?
अब तक की जानकारी के अनुसार, कुछ जरूरी सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहेंगी। इनमें शामिल हैं:
स्कूल और कॉलेज
सरकारी ऑफिस
रेलवे, बस, एयरपोर्ट सेवाएं
अस्पताल और मेडिकल सेवाएं
निजी दफ्तर, मॉल और बाजार
डिजिटल बैंकिंग सेवाएं जैसे मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग और यूपीआई पहले की तरह चालू रहेंगी। हालांकि, कस्टमर सर्विस से जुड़ा सहयोग सीमित हो सकता है।
नागरिकों के लिए अलर्ट
अगर आपके पास कोई जरूरी बैंकिंग, बीमा या पोस्टल से जुड़ा काम है, तो उसे 9 जुलाई से पहले पूरा करने की कोशिश करें। भारत बंद के दिन इन सेवाओं में देरी या असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
भारत बंद का असर पूरे देश में बड़े स्तर पर महसूस किया जाएगा। यह हड़ताल केवल कर्मचारी हितों के लिए नहीं बल्कि आम नागरिकों की रोज़मर्रा की सेवाओं पर भी असर डाल सकती है। ऐसे में जरूरी है कि लोग पहले से योजना बनाएं और वैकल्पिक व्यवस्था करें।
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