Jat Reservation : भारत में जाट समाज एक प्रसिद्ध समाज है। दुनिया के तमाम दूसरे देशों में भी जाट समाज के लोग रहते हैं। जाट समाज ने एक बड़ा ऐलान किया है। जाट समाज की तरफ से यह ऐलान जाट समाज की प्रमुख संस्था जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने किया है। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के मुखिया प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता यशपाल मलिक हैं। यशपाल मलिक ने जाट समाज को लेकर बहुत बड़ा ऐलान किया है।
जाट समाज को आरक्षण दिलाने के लिए चलाया जाएगा आंदोलन
जाट समाज अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में आता है। कुछ प्रदेशों में जाट समाज को ओबीसी मानकर आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है। केंद्रीय स्तर पर जाट समाज को आरक्षण नहीं मिला है। जाट समाज को ओबीसी वर्ग में आरक्षण दिलवाने के लिए अनेक आंदोलन चलाए जा चुके हैं। तमाम आंदोलन करने के बावजूद जाट समाज को आरक्षण नहीं मिल पाया है। एक बार फिर जाट समाज को एकजुट करके आरक्षण का आंदोलन चलाने की घोषणा की गई है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति में किसान आंदोलन की घोषणा की है। आंदोलन शुरू करने से पहले देश भर में सक्रिय जाट समाज की संस्थाओं को आपस में जोड़ने का कार्यक्रम बनाया गया है।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने की है खास अपील
देशभर में जाट समाज के आरक्षण के लिए आंदोलन चलाया जाएगा। इस विषय में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने एक खास अपील जारी की है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के मुखिया यशपाल मलिक ने सोशल मीडिया पर यह खास अपील जारी की है। इस खास अपील में जाट समाज के तमाम संगठनों को एकजुट करके एक ही मंच पर लाने की योजना समझाई गई। इस योजना का मकसद जाट समाज को पूरे देश में संगठित करना है।
क्या कहना है संघर्ष समिति के संयोजक का?
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता यशपाल मलिक अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक हैं मलिक ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट बाहुल्य प्रत्येक जिले में जाट सभा या जाट महापुरुषों के नाम पर संगठन हैं। कुछ एरिया मे जाट समाज की खाप पंचायत भी है। जाट आरक्षण की मांग में सभी का कुछ ना कुछ योगदान रहा। किसान यूनियन की तर्ज पर जाट आरक्षण पर कई संघठन बने और कुछ ने संगठन तोड़कर नए संगठन बनाये।
दिल्ली के हर क्षेत्र में जाट सभाये हैं। हरियाणा में जाट धर्मशाला, खाप व जाट सभाओं की शाखा हैं। पंजाब में जाट धर्म के नाम एकजुट हैं और जातीय भावना भी मजबूत है।मुस्लिम जाट भी जाट सभाओं जुड़ा हैं। मध्यप्रदेश व उत्तराखण्ड, राजस्थान, हिमाचल, जम्मू कश्मीर महाराष्ट्र, बिहार व आंध्र प्रदेश के साथ साथ देश के हर हिस्से में जिन जाटों का जंहा migration हुआ वंहा सब जगह संघटन बनाये हुए हैं। ये सभी संघटन करते हैं कि जब भी वो कोई कार्यक्रम करते हैं तो उसमे बहुत सी मांगों के साथ एक मांग जाट आरक्षण की भी करते हैं। जिस तरह किसानो ने तीन कानूनों की वापिसी की मांग मुख्य थी 13 महीने बाद उसको वापस लिया लेकिन MSP रह गयी क्योंकि वो दूसरे नंबर पर थी।
अगर जाट समाज चाहता हैं कि उसको आरक्षण मिले तो उसके लिए उसके हर संघटन को जाट आरक्षण के मुद्दे पर ही काम करना होगा। दूसरे मुद्दे तब तक नहीं उठाए और अगर आपका संघटन छोटा हैं जैसे कालोनी, जिला या प्रदेश स्तर तक तब आप जो संघटन केवल जाट आरक्षण की मांग करने वाले संघटनो का सहयोग करें। जिससे जाट आरक्षण की मांग को मजबूती से उठाकर किसी बड़े आंदोलन की शुरूआत हो। हम सब जिसने किसी भी धर्म में जाट जाति में जन्म लिया उसकी जिम्मेदारी हैं कि वो जाट कौम के उत्थान में अपना सहयोग दें।