Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News Breaking News.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि जब न्याय बाधित हो रहा हो तो वकीलों का कर्तव्य है कि वे संवैधानिक नैतिकता के रक्षक बनें और हर स्थिति में न्याय सुनिश्चित करें। उन्होंने कानून के क्रियान्वयन को पूर्ण पारदर्शिता और व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर लागू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मुसलमान देश की सबसे समझदार और तरक्की पसन्द कौम रही है, लेकिन इस समय वह पिछड़ रही है।
सलमान खुर्शीद ने कहा कि लोगों को न्याय दिलाने में वकीलों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है। आज वकीलों को आगे बढ़कर सकारात्मक भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि वकीलों को समाज के सबसे कमजोर लोगों की आवाज कहा जाता रहा है, आज उन्हें अपनी इस जिम्मेदारी को ज्यादा मजबूती से निभानी पड़ेगी।
न्याय-निष्पक्षता की रक्षा करनी होगी-अदीब
पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने कहा कि कानून का राज स्थापित करना और संवैधानिक संरक्षण सुनिश्चित करना ही उनका प्रमुख उद्देश्य है। अदीब ने कहा किदेश के वकील आगे आएं और जनता को न्याय दिलाने का कार्य करें। जब कानून का राज कमजोर होता है तो लोकतंत्र की नींव हिल जाती है। जनता को मिलकर न्याय और निष्पक्षता की रक्षा करनी होगी।
इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स (आईएमसीआर) के एक कार्यक्रम में न्यायमूर्ति इक़बाल अंसारी ने कहा कि सरकारें देश नहीं होतीं। सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन देश हमेशा बना रहता है। मोहम्मद खालिद ने जनजागरूकता पर जोर देते हुए कहा कि समाज को न केवल आज बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करनी होगी।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना फ़ज़लुर रहीम मुझद्दिदी ने कहा कि यदि किसी कमजोर को न्याय मिलता है तो उसी से वहाँ की न्यायपालिका की स्थिति का पता चलता है। यदि ऐसा नहीं होता तो न्यायालय की संरचना पर सवाल खड़े हो जाते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि एक कानूनी टीम के माध्यम से लोगों को न्याय दिलाने की कोशिश की जानी चाहिए।
बेगुनाह लोगों को मिले न्याय- डॉ. अज़म बेग
डॉ. अजम बेग ने कहा कि उन निर्दोष लोगों को न्याय मिलना चाहिए जो बिना सबूत वर्षों से जेलों में बंद हैं और जिनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। यदि हम सचमुच कानून के राज की बात करते हैं तो उनकी पीड़ा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। फैजान ने कहा कि कभी कोई भी सिस्टम पूर्ण नहीं रहा है। कुछ सही और कुछ गलत के साथ चलता रहा है। आज भी यही हो रहा है और न्यायिक प्रक्रिया में भी इसका उतना ही असर है। उन्होंने कहा कि तमाम कानून किसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए बनाए गए हैं, लेकिन यह हमारा दैनिक व्यवहार का अनुभव है कि ऐसे नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी कानून का दो अलग-अलग असर होता है।
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News Breaking News
Source link