RIMS-2 के विरोध में ‘हल जोतो, रोपा रोपो’ से पहले Viral हुआ नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति का आंदोलन गीत

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Hal Joto Ropa Ropo: झारखंड के रांची जिले में नगड़ी के किसानों ने खेतिहर जमीन अस्पताल के लिए देने से साफ इनकार कर दिया है. इसके खिलाफ जोरदार आंदोलन शुरू हो रहा है, जिसका पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भी समर्थन किया है. 24 अगस्त को नगड़ी में रिस्म-2 के निर्माण के विरोध में आयोजित ‘हल जोतो, रोपा रोपो’ आंदोलन से पहले एक आंदोलन गीत का वीडियो जारी किया गया है, जो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है.

6:47 मिनट के वीडियो में कहा- अपने अंदर के बिरसा को जगायें

‘हल जोतो, रोपा रोपो’ आंदोलन से एक दिन पहले शनिवार 23 अगस्त 2025 को 6:47 मिनट का वीडियो जारी करके आदिवासी समाज को जगाने की कोशिश की गयी है. इसमें कहा गया है कि अपनी जमीन बचाने के लिए हम सब आदिवासियों को एक होना होगा. अपनी मायं-माटी को बचाने के लिए आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचा है. सभी आदिवासी अपने अंदर के बिरसा को जगायें, शिबू सोरेन ने जो रास्ता बताया था उसे अपनायें.

जगह-जमीन, वन-जंगल को मिलकर बचाना है

इस वीडियो में आदिवासी संस्कृति को भी दर्शाया गया है. साथ ही नागपुरी गीत के जरिये आदिवासियों को जगाने का प्रयास हुआ है. इसमें कहा गया है कि आदिवासी और मूलवासी जागें. हर झारखंडवासी हल और कोड़ी उठा लें. जगह-जमीन और वन-जंगल को मिलकर बचाना होगा.

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Hal Joto Ropa Ropo: जय जोहार, हूल जोहार, उलगुलान

‘जय जोहार’, ‘हूल जोहार’ और ‘उलगुलान’ के जरिये चेतावनी भी दी गयी है. गायक ने लोगों से अपील की है कि वे अपने अंदर छिपे बिरसा को जगायें. शिबू सोरेन ने जो बात कही है, उसको अपनायें. मिल-जुलकर क्रांति का बिगुल बजायें. खेती करें, धान रोपें और हल चलायें. आईए, जगह-जमीन को, वन-जंगल को मिलजुल कर बचायें. इसे लुटने से बचायें.

‘हक-अधिकार के लिए भरेंगे हुंकार, यही है समय की पुकार’

‘हल जोतो, रोपा रोपो’ आंदोलन के लिए बने इस वीडियो में गीत गाने वाले ने कहा है कि हक-अधिकार के लिए भरेंगे हुंकार, यह समय की पुकार है. जान से भी बढ़कर है मायं-माटी का प्यार. यही हमारे जीने का आधार है. इस वीडियो में खेत-किसान दिख रहे हैं. बीच-बीच में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भाषण देते नजर आ रहे हैं. वीडियो की शुरुआत उनके भाषण से ही होती है.

खेतिहर जमीन बचाने के लिए ‘हल जोतो, रोपा रोपो’

नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति ने लोगों से अपील की है कि खेती-बाड़ी योग्य जमीन को बचाने की मांग के लिए ‘हल जोतो, रोपा रोपो’ (Hal Joto Ropa Ropo) को मिल-जुलकर सफल बनायें. मायं-माटी करे पुकार, लेकर रहब अपन अधिकार. सभी बुद्धिजीवी, सामाजिक संगठन और समाज के अगुवा नगड़ी की खेतिहर जमीन के लिए पूरे जोश-जुनून और चट्टानी एकता के साथ आंदोलन को सफल बनाने में सहयोग दें.

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‘अभी नहीं जागे, तो कब जागोगे?’

अभी नहीं जागे, तो कब जगोगे. अपनी जमीन बचाने के लिए हम आंदोलन और संघर्ष से ही बचा सकते हैं. इसलिए 24 अगस्त को आंदोलन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचें. अपने हक-अधिकार और जमीन को बचाने के लिए नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति के आंदोलन को सफल बनायें. हालाांकि, चंपाई सोरेन ने कहा है कि वे रिम्स-2 का विरोध नहीं कर रहे. बिना जमीन अधिग्रहण किये खेतिहर जमीन पर अस्पताल के निर्माण का विरोध कर रहे हैं. सरकार किसी और जगह दूसरा रिम्स बना सकती है, जहां खेती न होती हो.

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