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चेन्नई से शुरू हुई अभिनेता-राजनीतिज्ञ विजय की राजनीतिक यात्रा ने तमिलनाडु की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। विजय ने तिरुचिरापल्ली से अपने पहले राज्यव्यापी राजनीतिक दौरे की शुरुआत की, जहां भारी भीड़ उमड़ी। उन्होंने कहा कि यह जनसमर्थन उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को हिला देगा। विजय ने दावा किया कि उनकी पार्टी टीवीके अगले विधानसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएगी।
तिरुचिरापल्ली और अरियालुर में आयोजित रैलियों में उमड़ी भीड़ ने विजय के आत्मविश्वास को और मजबूत किया। उन्होंने कहा कि पहले विपक्षी पार्टियां यह कहती थीं कि विजय जनता से नहीं मिलेंगे, लेकिन अब वही विरोधी इस जनसैलाब से चिंतित नजर आ रहे हैं।
विपक्ष पर तीखे वार
विजय ने बिना नाम लिए डीएमके पर हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अतीत में डीएमके ने एआईएडीएमके संस्थापक एमजी रामचंद्रन के खिलाफ नफरत दिखाई थी, तो क्या अब उनका रुख बदल पाएगा। विजय ने कहा कि आज की भीड़ उन्हें उसी जनसमर्थन की याद दिलाती है, जिसने तमिलनाडु की राजनीति में 1967 और 1977 जैसे ऐतिहासिक मोड़ दिए थे।
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1967 और 1977 का उदाहरण
विजय ने कहा कि जिस तरह 1967 में सीएन अन्नादुरै की अगुवाई में डीएमके ने कांग्रेस को हराया था और 1977 में एमजीआर ने डीएमके को सत्ता से बाहर किया था, उसी तरह उनकी पार्टी टीवीके भी 2026 में इतिहास दोहराएगी। उन्होंने भरोसा जताया कि उनकी पार्टी अगले चुनाव में नई ताकत बनकर उभरेगी।
डीएमके और भाजपा पर आरोप
विजय ने यह आरोप भी दोहराया कि डीएमके ने भाजपा से गुप्त समझौता किया है और सत्ता हासिल करने के लिए जनता से झूठे वादे किए। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इन राजनीतिक समझौतों और फरेब के खिलाफ जनता के विश्वास के साथ लड़ाई लड़ेगी।
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भीड़ और अव्यवस्था
विजय की रैलियों में भारी भीड़ के कारण कई जगहों पर अव्यवस्था की स्थिति पैदा हुई। तिरुचिरापल्ली में उनके प्रशंसक बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस मौके पर अपने कार्यकर्ताओं की अनुशासनप्रियता की सराहना की और विजय पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा।
भारी भीड़ के कारण विजय परम्बलूर नहीं जा पाए और केवल तिरुचिरापल्ली, अरियालुर और कुन्नम तक का दौरा कर सके। उन्होंने वादा किया कि जल्द ही परम्बलूर के लोगों से भी मिलेंगे।
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