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Last Updated:July 09, 2025, 23:25 IST
PM Modi Address Namibia Parliament: नामीबिया की संसद को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अफ्रीका को संसाधन नहीं, साझेदार मानता है. उन्होंने अमेरिका-चीन की ‘शोषण नीति’ पर सीधा कूटनीतिक वार किया.
नामीबिया की धरती से PM मोदी ने पूरे अफ्रीका महाद्वीप को संबोधित किया.
हाइलाइट्स
- भारत अफ्रीका को साझेदार मानता है, कच्चे माल का स्रोत नहीं: PM मोदी
- संबोधन में बोले मोदी- नामीबिया ने भारत की UPI टेक्नोलॉजी अपनाई.
- PM मोदी ने अमेरिका और चीन की नीतियों पर सवाल उठाए.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नामीबिया की संसद से पूरे अफ्रीका को संबोधित किया. ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को मानने वाले भारत के प्रतिनिधि के रूप में उनके भाषण में मानवीय पुट भरपूर था. पीएम मोदी ने साफ कहा कि भारत, अफ्रीका को ‘साझेदार’ की तरह देखता है, महज कच्चे माल का स्रोत नहीं. मोदी का यह तीर उन महाशक्तियों की ओर था, जो दशकों से अफ्रीका को ‘कच्चे माल की खान’ समझती रही हैं. PM ने पश्चिमी देशों और चीन की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘भारत अफ्रीका को सिर्फ कच्चे माल का स्रोत नहीं मानता. भारत मानता है कि अफ्रीका और ग्लोबल साउथ खुद अपनी नियति तय कर सकते हैं, अपना रास्ता खुद बना सकते हैं.’ इस एक लाइन से मोदी ने चीन की ‘एक बेल्ट, एक रोड’ जैसी योजनाओं और अमेरिका की ‘इकोनॉमिक डिप्लोमेसी’ को चुनौती दे दी.
70 साल पुराना रिश्ता याद दिलाया
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भारत और नामीबिया के ऐतिहासिक संबंधों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारत ने उस समय भी नामीबिया की आज़ादी की लड़ाई का समर्थन किया जब वह खुद औपनिवेशिक शासन से जूझ रहा था. उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र में साउथ वेस्ट अफ्रीका की आज़ादी का मुद्दा उठाया था और SWAPO (South West Africa People’s Organisation) का पहला विदेशी दफ्तर भी नई दिल्ली में ही खुला था.
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