1857 में अंग्रेज़ों से लोहा लेने वाले तात्या टोपे की कहानी – विवेचना

तात्या टोपे

इमेज स्रोत, PIB

कई स्वतंत्रता सेनानियों को इतिहास में वो जगह नहीं मिल सकी है जिसके वो हक़दार हैं. इनमें से एक हैं, 1857 के विद्रोह के नेता तात्या टोपे.

एंड्रयू वार्ड अपनी क़िताब ‘कानपुर 1857’ में लिखते हैं, “1857 के सभी विद्रोहियों में तात्या टोपे सबसे प्रतिभासंपन्न सिपहसालार थे. टोपे का क़द नाटा था, लेकिन वो हृष्ट-पुष्ट और तुरंत फ़ैसला लेने वाले कमांडर थे.”

“उनकी घनी भौहों के नीचे उनकी आँखों को देखने भर से उनकी नेतृत्व क्षमता का आभास हो जाता था. अपने हज़ारों सैनिकों के साथ यमुना नदी पार करने के बाद उन्होंने अपने रास्ते में पड़ने वाले हर बड़े शहर पर कब्ज़ा कर लिया था.”

बीबीसी

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