Trump, Putin: यूक्रेन पर ट्रंप की बातचीत के बाद पुतिन की ‘जीत’ और भारत की ‘समझदारी’ की चर्चा क्यों

यूक्रेन-रूस जंग

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इमेज कैप्शन, रूस और यूक्रेन की जंग शुरू हुई तो भारत पर अमेरिका का दवाब था कि वह रूस से संबंध सीमित करे

डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल अपने चुनावी कैंपेन में कहा था कि अगर वह दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो रूस और यूक्रेन की जंग एक दिन में ख़त्म करा देंगे. ट्रंप के इस बयान पर तब संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत ने कहा था कि यह संभव नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वैसिली नेबेंज़िया ने कहा था, ”यूक्रेन संकट का समाधान कोई एक दिन में नहीं हो सकता है.”

ट्रंप ने यहां तक कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति होते तो रूस यूक्रेन पर हमला ही नहीं करता.

ट्रंप दुनिया के दो बड़े टकराव का समाधान बिल्कुल अलग तरह से पेश कर रहे हैं. यूक्रेन और रूस की जंग ख़त्म कराने के लिए ट्रंप पुतिन के प्रति नरमी दिखा रहे हैं तो दूसरी तरफ़ फ़लस्तीनियों की उम्मीदों पर पानी फेरते दिख रहे हैं. ट्रंप ग़ज़ा की पूरी आबादी को कहीं और शिफ़्ट करना चाहते हैं.

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