1600 दिनों से जेल में बंद उमर ख़ालिद की रिहाई की मांग को लेकर इन लोगों ने लिखा खुला ख़त

उमर ख़ालिद

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, उमर ख़ालिद पर आतंकवाद विरोधी क़ानून ‘गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम’ यानी यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं

सितंबर 2020 से जेल में बंद छात्र नेता और सामाजिक कार्यकर्ता उमर ख़ालिद की रिहाई के लिए फिर एक बार मांग तेज़ हो गई है.

इस बार लेखकों, शिक्षाविदों, कलाकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने एक खुला पत्र लिखकर उमर और सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग की है.

मांग करने वालों में लेखक अमिताव घोष, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी शामिल हैं.

जारी बयान में कहा गया, “ख़ालिद 30 जनवरी, 2025 को जेल में 1,600 दिन पूरे कर लेंगे, जो महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि भी है.”

इस बयान में अन्य कार्यकर्ताओं, गुलिफ़शा फ़ातिमा, शरजील इमाम, ख़ालिद सैफ़ी, मीरान हैदर, अतहर ख़ान और शिफ़ा उर रहमान का भी नाम लिया गया है.

बयान में कहा गया, “हिंसा भड़काने और इसे जारी रखने वालों को जवाबदेह ठहराने के बजाय, राज्य ने उन कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाया है जिन्होंने शांतिपूर्वक सीएए का विरोध किया था.”

बयान में आगे कहा गया, “बार-बार जमानत से इनकार करना और बिना सुनवाई के लंबे समय तक जेल में रखना, वास्तव में, उमर खालिद और इस मामले में अन्य लोगों के मामले के सबसे चिंताजनक पहलुओं में से एक है.”

उमर ख़ालिद पर आतंकवाद विरोधी क़ानून ‘गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम’ यानी यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं.

Source link

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.