भोपाल गैस त्रासदी का 12 ट्रक ज़हरीला कचरा पीथमपुरा ले जाया गया, यहाँ इसका निपटारा कैसे होगा और क्या कोई असर भी होगा?

ज़हरीले कचरे से भरे ट्रक
इमेज कैप्शन, यूनियन कार्बाइड फ़ैक्टरी से चालीस साल बाद ज़हरीले कचरे को हटाया गया है

40 साल बाद और हफ़्ते भर की गहमागहमी के बीच बुधवार रात साल 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के बाद बचा ज़हरीला कचरा शहर से बाहर भेजा जा रहा है.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फ़ैक्ट्री में हुई त्रासदी को दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है.

तीन दिसंबर 1984 की सुबह, अमेरिका की यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन के स्वामित्व वाली एक कीटनाशक फ़ैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस लीक हुई थी, जिसके चलते लाखों लोग ज़हरीली गैस की चपेट में आ गए थे.

सरकारी आँकड़ों में गैस रिसाव से 5000 लोगों की मौत का दावा किया जाता है लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग ये संख्या 10 हज़ार तक मानते हैं.

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