दिलजीत दोसांझ और पीएम मोदी की न्यू ईयर पर मुलाक़ात, क्या हुई बात
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पंजाबी सिंगर और फिल्म अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने दो महीने के अपने ‘दिल-लुमिनाटी टूर’ के ख़त्म होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.
नए साल के पहले दिन प्रधानमंत्री से मिलने के बाद दोसांझ ने एक वीडियो जारी कर इसे यादगार मुलाक़ात बताया.
वहीं, प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर दोसांझ से बातचीत को ज़बरदस्त बताते हुए उन्हें परंपरा और प्रतिभा का ज़बरदस्त मेल और बहुआयामी व्यक्तित्व वाला शख़्स करार दिया.
पिछले साल 26 अक्टूबर को दिल्ली में शुरू हुआ दोसांझ का दिल लुमिनाटी टूर 31 दिसंबर को लुधियाना में ख़त्म हुआ. जब से उनका ये टूर शुरू हुआ, तब से लगातार कई विवाद सामने आए हैं, जो सोशल मीडिया में छाए रहे.
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दोनों के बीच क्या बात हुई?
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सोशल मीडिया पर दिलजीत दोसांझ की ओर से जारी वीडियो में वह फूलों के एक गुलदस्ते के साथ एंट्री करते नज़र आ रहे हैं.
पीएम मोदी को देखते ही वो सिर झुकाकर उन्हें नमस्कार कर रहे हैं.
दूसरी ओर, पीएम मोदी भी ‘सत श्री अकाल’ कहते हुए सिंगर का स्वागत करते नज़र आ रहे हैं.
दिलजीत दोसांझ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, ”2025 की ज़बरदस्त शुरुआत. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से एक बेहद यादगार मुलाक़ात.”
इंस्टाग्राम पर डाले गए उनके वीडियो में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश भर में टूर के बाद भारत की महानता के बारे में बातें करते हुए दिख रहे हैं.
इस वीडियो में वह कहते दिख रहे हैं कि जब उन्होंने पूरे देश में टूर किया तो पता चला कि ‘भारत महान’ क्यों कहा जाता है.
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इसमें वह योग पर भी चर्चा करते दिख रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं योग में अद्भुत शक्ति है, जिसे इसका अनुभव है वही इसे जान सकता है.
इस वीडियो के आख़िर में दिलजीत दोसांझ प्रधानमंत्री मोदी के सामने गुरुनानक पर एक गाना गाते हुए भी दिख रहे हैं.
वहीं दिलजीत के गाते समये प्रधानमंत्री मोदी दोनों के बीच रखी छोटी मेज़ पर उंगलियों से ताल देते दिखे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मुलाक़ात की तस्वीरें साझा की.
उन्होंने गुरुमुखी में ट्वीट किया,” दिलजीत दोसांझ से बातचीत शानदार रही. वो सचमुच बहुआयामी व्यक्तित्व के मालिक हैं. प्रतिभा और परंपरा का मेल. हमने संगीत, संस्कृति और कई चीजों पर बातें कीं.”
सोशल मीडिया पर लोगों ने क्या कहा
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दिलजीत दोसांझ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस मुलक़ात पर लोग सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
कवलजीत सिंह नाम के यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,.” एंड! सैल्यूट टु दिलजीत. पूरी तरह निगेटिव पीआर को चुप करने का क्या शानदार तरीका है. हमें और आत्मविश्वासी बनाने के लिए धन्यवाद.”
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वहीं अल्फा गांधी नाम के एक यूजर ने लिखा, ”नरेंद्र मोदी उस किंग की तरह हैं जो अपने विरोधियों को अपने दरबार में आमंत्रित करते हैं और उन्हें अपने सामने झुकाते हैं. सामने वो शान से बैठे रहते हैं. हर बार वह ऐसा करके मीडिया के अपने विरोधियों को रुला देते हैं.”
एक यूजर ने लिखा,” दिलजीत को अंधभक्त खालिस्तानी कहते थे. आज उनके भगवान उन्हें हिंदुस्तानी कह रहे हैं.”
एक अन्य यूजर ने लिखा,” दिलजीत दोसांझ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और एमएसपी, किसानों और संगीत से जुड़े विषयों पर चर्चा की.”
पिछले दिनों दिलजीत ने किसानों के विरोध प्रदर्शन का खुलकर समर्थन किया था और बीजेपी सांसद कंगना रनौत से उनका सार्वजनिक झगड़ा भी हुआ था. कुछ बीजेपी समर्थकों ने दिलजीत को कथित तौर पर खालिस्तानी करार दिया था.
दोसांझ और मोदी के मिलने के बाद कंगना रनौत पर तंज़
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिलजीत सिंह दोसांझ की मुलाक़ात के बाद लोग हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत पर भी तंज़ कर रहे हैं.
कंगना रनौत भारत में किसानों के आंदोलन को लेकर काफ़ी मुखर रही हैं. अपने कई वीडियो में वह नरेंद्र मोदी के कृषि कानूनों का समर्थन और आंदोलनकारी किसानों का विरोध करती नज़र आई हैं.
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कंगना के इस रुख़ को लेकर लोग सोशल मीडिया में ये कह कर तंज कर रहे हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार का जबरदस्त समर्थन करने के बावजूद उन्हें प्रधानमंत्री से मिलने का मौका नहीं मिला. जबकि दोसांझ को कुछ लोगों की ओर से कथित तौर पर खालिस्तानी कहे जाने के बाद पीएम ने मिलने का वक़्त दे दिया.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने लिखा,” कंगना रनौत को प्रधानमंत्री से मिलने का वक़्त नहीं दिया गया. जबकि नरेंद्र मोदी ने खुद दिलजीत दोसांझ को बुलाकर उनसे मुलाक़ात की. कंगना रनौत इस दशक की सबसे बड़ी जोकर हैं.”
दरअसल, दिलजीत की पीएम मोदी के साथ मुलाक़ात के बाद सोशल मीडिया पर कंगना रनौत का एक पुराना वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें वह कह रही हैं कि पीएम मोदी से मिलने का वक्त मांगने के बावजूद उनकी मुलाक़ात नहीं हो सकी है.
एक दूसरे यूजर ने लिखा,” कंगना और दिलजीत में सार्वजनिक रूप से झगड़ा हुआ था. दक्षिणपंथियों ने दिलजीत को खालिस्तानी कहकर उनकी आलोचना की थी और कंगना रनौत को झांसी की रानी कहा था.”
यूज़र ने कहा कि आज कंगना बिग बॉस के घर में जा रही हैं और कथित पर खालिस्तानी कहे जाने वाले पीएम के साथ बैठे हैं.
दोसांझ और विवाद
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खुद को पेंडू (ग्रामीण), पंजाबी और दोसांझ का लड़का बताने वाले दिलजीत पिछले कई महीनों से सुर्खियों में बने हुए हैं.
26 अक्टूबर को दिल्ली से शुरू हुआ उनका दिल-लुमिनाटी टूर लगातार विवाद में रहा है.
पिछले साल 8 दिसंबर को मध्य प्रदेश के इंदौर दिलजीत ने म्यूजिक कॉन्सर्ट को बजरंग दल ने रद्द करने की मांग की थी. हिंदू संगठनों की मांग थी कि कॉन्सर्ट में शराब और मांस ना परोसा जाए.
इस मांग को लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ता सड़कों पर भी उतर आए थे. इस विरोध का मशहूर शायर राहत इंदौरी की शायरी से जवाब देते हुए दिलजीत ने कहा था, “सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है.”
इससे पहले सिंगर एपी ढिल्लों की ओर से सोशल मीडिया पर ब्लॉक करने की शिकायतों के बाद दिलजीत ने लिखा था, “मैंने तुम्हें कभी ब्लॉक नहीं किया. मेरे पंगे सरकार से हो सकते हैं, किसी कलाकार से नहीं.”
चंडीगढ़ में हुए कॉन्सर्ट से दो दिन पहले बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिलजीत और उनकी टीम को हिदायत दी थी.
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अपनी एडवाइजरी में चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीसीपीसीआर) ने दिलजीत से लाइव शो के दौरान शराब पर आधारित गानों से परहेज करने की सलाह दी थी. इसमें कहा गया था कि दिलजीत अपने शो में पटियाला पैग, पांच तारा जैसे गाने ना गाएं और कॉन्सर्ट में 25 साल से कम आयु के लोगों को शराब भी ना परोसी जाए.
चंडीगढ़ में 14 दिसंबर को दिलजीत दोसांझ परफॉर्म करने पहुंचे थे. इससे दो दिन पहले उन्होंने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में Punjab को Panjab लिख दिया था, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया.
साल 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय पंजाब के भी दो हिस्से हुए थे.
सवाल उठाने वाले लोगों को मानना है कि पाकिस्तान वाले हिस्से के पंजाब को अंग्रेजी में Panjab लिखते हैं, जबकि भारत के हिस्से वाले पंजाब को Punjab लिखा जाता है.
इसी को मुद्दा बनाकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने आरोप लगाया कि वह पंजाब से जुड़ी पाकिस्तानी पहचान को आगे बढ़ा रहे हैं.
साल 2020 में जब नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने अपना आंदोलन शुरू किया था तो उन्होंने किसानों का समर्थन किया था.
उन्होंने सोशल मीडिया पर किसानों का समर्थन करते हुए लिखा था,” हम सभी किसान समुदाय के साथ खड़े हैं. पंजाब के सभी आयु वर्ग का हर व्यक्ति किसानों के साथ खड़ा है. लोग पास हुए बिल को सही कह रहे हैं, कम से कम किसानों से बात करने की कोशिश करें.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित