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भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा है कि गेंद का आकार बहुत अधिक बिगड़ रहा है और यह क्रिकेट के लिए भी अच्छा नहीं है। इससे पहले गिल ने भी गेंद पर सवाल खड़े किए थे।
भारत के उप कप्तान ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज में इस्तेमाल की जा रही ड्यूक्स गेंद की गुणवत्ता की आलोचना करते हुए कहा कि बुधवार को कहा कि उन्होंने लाल गेंद को इस हद तक बिगड़ते कभी नहीं देखा। ड्यूक्स की गेंद का आकार बिगड़ रहा है, जिससे इस सीरीज में खिलाड़ी नियमित रूप से अंपायरों के पास जाकर गेंद को बदलने की मांग कर रहे हैं।
गेंद के नरम होने के बाद गेंदबाजों को इससे कोई मदद नहीं मिल रही, जिससे बल्लेबाज-गेंदबाज मुकाबला मुख्य रूप से नई गेंद तक ही सीमित रह गया है। गुरुवार से लार्ड्स में शुरू हो रहे टेस्ट से पहले पंत ने कहा कि गेंद एक बड़ी समस्या बन गई है और यह खेल के लिए अच्छी नहीं है।
ऋषभ पंत ने मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘गेंदों को मापने का गेज (चाहे ड्यूक्स हो या कूकाबुरा) एक जैसा होना चाहिए। लेकिन अगर यह छोटा होता तो बेहतर होता (हंसते हुए)। गेंदें बहुत परेशानी दे रही हैं। निश्चित रूप से मुझे लगता है कि यह एक बड़ी समस्या है क्योंकि गेंद का आकार बिगड़ रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गेंद का आकार बहुत अधिक बिगड़ रहा है। मेरे साथ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह खिलाड़ियों के लिए निश्चित रूप से परेशान करने वाला है क्योंकि हर गेंद अलग तरह से खेलती है। जब यह नरम हो जाती है तो कभी-कभी मूवमेंट नहीं मिलती। लेकिन जैसे ही गेंद बदलती है तो पर्याप्त मदद मिलने लगती है।’’
भारत के इस आक्रामक विकेटकीपर-बल्लेबाज ने कहा, ‘‘एक बल्लेबाज के तौर पर आपको इसके साथ तालमेल बैठाते रहना होता है। लेकिन साथ ही मुझे लगता है कि यह क्रिकेट के लिए वैसे भी अच्छा नहीं है।’’
शुभमन गिल ने कहा, “मुझे लगता है कि कम से कम थोड़ी मदद तो मिलनी ही चाहिए। अगर गेंद कुछ कर रही है, तो आपको खेलने में मजा आता है। अगर आपको पता है कि मदद केवल 20 ओवर में ही मिलेगी और फिर आपको शेष दिन रक्षात्मक होकर यह सोचना है कि रन कैसे रोकें, तो खेल अपना सार खो देता है।”
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