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नई दिल्ली19 मिनट पहले
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देवेंद्र फडणवीस ने 14 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद राणा के प्रत्यर्पण पर बयान दिया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मुंबई हमले के मास्टरमांइड तहव्वुर राणा को रखने के लिए राज्य की जेल पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि हमने अजमल कसाब को रख लिया तो इसमें क्या बड़ी बात है। राणा को भी जेल में रख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पहले भी राणा को भारत लाने की कोशिश की गई। भारत ने आनॅलाइन जांच करते हुए सभी संबंधित साक्ष्य अमेरिका को दिए थे। लेकिन अमेरिका उसे भेजने को तैयार नहीं था। अब PM मोदी की पहल के बाद अमेरिका राजी हुआ है।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 25 जनवरी को भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा फिलहाल लॉस एंजिल्स के डिटेंशन सेंटर में है।
13 फरवरी को PM मोदी ने अमेरिकी दौरे पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वॉशिंगटन में मुलाकात की थी। ट्रंप ने भी आतंकी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की बात कही थी। जल्द ही राणा को अमेरिका से भारत लाया जाएगा।

CM बोले- मुंबई लाने पर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि उन्होंने कहा तहव्वुर राणा के भारत आने के बाद मुंबई हमले के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि मिलेगी। यह पीएम मोदी ही हैं। जिसकी वजह से कुख्यात राणा को अमेरिका ने भारत को सौंपा है।
उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। इसका देश की जनता कब से इंतजार कर रही थी। देश का लंबा इंतजार खत्म हुआ। मुंबई हमले के मास्टरमांइड को अब सजा मिलेगी। इससे मुंबई हमले का न्याय पूरा होगा।
कांग्रेस बोली- UPA सरकार ने भी प्रत्यर्पण की कोशिश की थी कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने X पर लिखा- 10 जून 2011 को UPA सरकार ने भी औपचारिक रूप से अमेरिका से भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि (1997) के तहत डेविड हेडली और तहव्वुर राणा दोनों को प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था। UPA सरकार ने मुंबई हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई थी।
उज्जवल निकम की भी आई प्रतिक्रिया इससे पहले उज्जवल निकम ने भी डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले की सराहना की थी और कहा था कि ब्रिटिश सरकार को भी ऐसा ही कदम उठाना चाहिए, क्योंकि ज्यादातर फाइनेंशियल टेरेरिस्ट इंग्लैंड में रहते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि एक बार तहव्वुर राणा भारत आ जाए तो सबसे पहले NIA उसे हिरासत में लेगी और इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी। NIA पहले चार्जशीट फाइल करेगी और उसके आधार पर आगे एक्शन लिया जाएगा।
26/11 आतंकी हमलों में तहव्वुर भूमिका तहव्वुर राणा और दाऊद गिलानी उर्फ डेविड कोलमैन हेडली दोनों पाकिस्तान में आतंकी संगठनों से जुड़े थे। 2006 में हेडली ने राणा को मुंबई हमले का पूरा प्लान बताया। हेडली की सलाह पर राणा ने मुंबई में अपनी इमिग्रेशन फर्म ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ की ब्रांच शुरू की। ये फर्म उन जगहों की रेकी करने के लिए खोली गई जहां आतंकी हमले किए जाने थे। दोनों ने मुंबई जाकर हमले के टारगेट स्पॉट्स की रेकी की।
मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे 26 नवंबर 2008 को 10 आतंकी समंदर के रास्ते मुंबई पहुंचे और हमला किया था। इसमें 6 अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे। सुरक्षा बलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था। जिंदा बचे आतंकी कसाब को बाद में फांसी दी गई थी।

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पाकिस्तान में पैदाइश, कनाडा की नागरिकता, अमेरिका में बिजनेस और अब भारत में फांसी की तरफ बढ़ते कदम। हम बात कर रहे हैं 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से प्रत्यर्पण की मंजूरी मिलने के बाद अब उसे जल्द भारत लाया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें….