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Hospital Construction Scam: धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत भारद्वाज और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कम से कम 13 स्थानों पर छापेमारी की जा रही है. इनमें दक्षिण दिल्ली स्थित भारद्वाज का घर और केजी मार्ग तथा पश्चिम पटेल नगर स्थित कुछ निजी ठेकेदारों और वाणिज्यिक रियल एस्टेट डेवलपर्स के आवास एवं कार्यालय शामिल हैं.
अस्पताल निर्माण घोटाला में एसीबी ने जून में ही भारद्वाज के खिलाफ दर्ज किया था मामला
आप की दिल्ली इकाई के प्रमुख और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भारद्वाज (45) के खिलाफ ईडी की जांच जून में दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी से सामने आई है. एसीबी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार द्वारा स्वास्थ्य अवसंरचना परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोप में भारद्वाज, उनकी पार्टी के सहयोगी और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, निजी ठेकेदारों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
भारद्वाज के खिलाफ ईडी की कार्रवाई से बौखलायी AAP
ईडी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आप ने दावा किया कि भारद्वाज के खिलाफ छापेमारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में उठाए जा रहे सवालों से ध्यान हटाने का प्रयास है और पार्टी नेता के खिलाफ मामला झूठा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि मामला उस समय का है जब भारद्वाज किसी मंत्री पद पर नहीं थे.
बीजेपी ने लगाया था आरोप
एसीबी की यह शिकायत बीजेपी की दिल्ली इकाई द्वारा पिछले साल अगस्त में ‘‘दिल्ली सरकार के तहत विभिन्न स्वास्थ्य अवसंरचना परियोजनाओं में ‘‘गंभीर’’ अनियमितताओं एवं ‘‘संदिग्ध भ्रष्टाचार’’ का आरोप लगाए जाने के बाद आई है. एसीबी की शिकायत में ‘‘परियोजना बजट में हेरफेर, सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और निजी ठेकेदारों के साथ मिलीभगत’’ का आरोप लगाया गया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 2018 से 2019 के दौरान 5,590 करोड़ रुपये की 24 अस्पताल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी. हालांकि, ये परियोजनाएं काफी हद तक अधूरी रहीं और लागत में भारी एवं बेहिसाब वृद्धि हुई.
एसीबी ने बताया कैसे हुआ घोटाला?
एसीबी अधिकारियों ने जून में कहा था कि 1,125 करोड़ रुपये की आईसीयू अस्पताल परियोजना लगभग तीन साल और 800 करोड़ रुपये के खर्च के बाद भी केवल 50 प्रतिशत ही पूरी हुई है, जिसमें कुल 6,800 बिस्तरों वाली सात पूर्व-निर्मित अस्पताल शामिल हैं. एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मादीपुर अस्पताल परियोजना नवंबर 2022 तक पूरी होनी थी, लेकिन यह अब भी अधूरी है और पूरी होने से कोसों दूर है. एसीबी के अनुसार, सात आईसीयू अस्पतालों की लागत में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई और फरवरी 2022 की समय सीमा के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है.
एलएनजेपी अस्पताल के नए ब्लॉक निर्माण में हुआ घोटाला
आरोप है कि लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के नए ब्लॉक की परियोजना लागत चार वर्षों में 488 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,135 करोड़ रुपये हो गई और जनवरी 2023 की समय सीमा के बाद भी इसका निर्माण कार्य अधूरा है. एसीबी ने आरोप लगाया कि पॉलीक्लिनिक परियोजना में भी धन के दुरुपयोग के संकेत मिले हैं क्योंकि 94 नियोजित क्लीनिक में से केवल 52 का ही निर्माण हो पाया और लागत 168 करोड़ रुपये से बढ़कर 220 करोड़ रुपये हो गई. इनमें से कई पॉलीक्लिनिक बंद पड़े हैं.
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