आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या हमारी सोचने की क्षमता को ख़त्म कर रहा है – दुनिया जहान

[NEWS]

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, कई अध्ययनों से पता चला है कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के अधिक इस्तेमाल से हमारी सोचने की क्षमता यानी क्रिटिकल थिंकिंग पर बुरा असर पड़ रहा है (सांकेतिक तस्वीर)

28 जुलाई 2025

अब हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है.

इंटरनेट पर किसी सवाल का जवाब या जानकारी ढूंढनी हो, ईमेल लिखना हो या कोई गाना सुनना हो, इन सब में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हो रहा है. हमारा कंप्यूटर इसी के आधार पर एल्गोरिदम के ज़रिए हमें फ़ौरन जानकारी दे देता है.

इससे हमारा काम आसान ज़रूर हो जाता है, लेकिन क्या हम इस पर ज़रूरत से ज़्यादा निर्भर होते जा रहे हैं? क्या हम अपनी समीक्षात्मक सोच यानी किसी विषय पर गहराई से सोचने की क्षमता का इस्तेमाल कम करने लगे हैं और हमारी यह क्षमता कमज़ोर होती जा रही है.

क्या हमारा आत्मविश्वास भी कम हो रहा है? कई अध्ययनों से पता चलता है कि इससे हमारी समीक्षात्मक तरीके़ से सोचने की क्षमता यानी क्रिटिकल थिंकिंग पर बुरा असर पड़ रहा है.

[SAMACHAR]

Source link

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *