Close

CJI BR Gavai praises UP CM Yogi Adityanath and constitution of india for unity in difficult times for country | CJI बीआर गवई ने की सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ, बोले

[NEWS]

CJI BR Gavai in Prayagraj: भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने शनिवार (30 मई, 2025) को देश की एकजुटता के लिए संविधान को श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि देश पर जब भी संकट आया है उसने मजबूती और एकजुटता के साथ उसका सामना किया और इसका श्रेय संविधान को दिया जाना चाहिए.

सीजेआई बीआर गवई ने यह बात इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 680 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित अधिवक्ता चैंबर भवन और मल्टी लेवल पार्किंग का उद्घाटन कार्यक्रम में कही. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीजेआई गवई ने कहा, “न्यायपालिका का मौलिक कर्तव्य देश के उस आखिरी नागरिक तक पहुंचना है जिसे न्याय की जरूरत है और विधायिका और कार्यपालिका का भी यही कर्तव्य है.”

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा, “मेघवाल जी (कानून और न्याय मंत्री) ने कहा कि (सीएम) योगी जी इस देश के सबसे शक्तिशाली और मेहनती सीएम हैं. मैं कहना चाहूंगा कि इलाहाबाद शक्तिशाली लोगों की भूमि है.”

विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका ने सामाजिक समानता लाने में दिया योगदान- सीजेआई

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “जब भी संकट आया, भारत एकजुट और मजबूत रहा. इसका श्रेय संविधान को दिया जाना चाहिए. भारतीय संविधान लागू होने की 75 साल की यात्रा में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका ने सामाजिक और आर्थिक समानता लाने में बड़ा योगदान दिया है. कई ऐसे कानून लाए गए जिसमें जमीदार से जमीन लेकर भूमिहीन व्यक्तियों को दी गई.”

उन्होंने कहा, “समय-समय पर इन कानूनों को चुनौती भी दी गई. 1973 से पहले उच्चतम न्यायालय का विचार था नीति निर्देशक सिद्धांत (डायरेक्टिव प्रिंसिपल) और मौलिक अधिकारों के बीच टकराव की स्थिति बनेगी तो मौलिक अधिकार ऊपर होगा. लेकिन, 1973 में 13 न्यायाधीशों का निर्णय आया कि संसद को संविधान में संशोधन का अधिकार है और इसके लिए वह मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है, लेकिन उसके पास संविधान के मूल ढांचे में बदलाव करने का अधिकार नहीं है.”

मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक सिद्धांत दोनों संविधान की आत्मा- सीजेआई

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “1973 की 13 जजों की पीठ ने यह भी कहा था कि मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक सिद्धांत दोनों ही संविधान की आत्मा हैं. ये दोनों संविधान के स्वर्ण रथ के दो पहिए हैं जिसमें से यदि एक पहिया रोको तो पूरा रथ रुक जाएगा.”

उन्होंने कहा, “मैं हमेशा कहता रहा हूं कि बार और बेंच एक सिक्के के दो पहलू हैं. जब तक बार और बेंच साथ मिलकर काम नहीं करते तब तक न्याय के रथ को आगे नहीं बढ़ा सकते. आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूरे देश के लिए एक अच्छा आदर्श दिया है, जिसमें बार के लिए (परिसर निर्माण  के लिए) न्यायाधीशों ने 12 बंगले खाली कर दिए और अपने वकील भाइयों की सुविधा का ध्यान रखा.”

अधिवक्ता की समस्या दूर करने के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार सदा तत्पर- सीएम योगी

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “अधिवक्ताओं की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रदेश और केंद्र की सरकार सतत प्रयासरात है. इस दिशा में सात जनपदों में परिसर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है और इसके लिए 1,700 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं.”

मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार ने अधिवक्ता निधि की राशि 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है और इसके पात्र अधिवक्ताओं की आयु सीमा भी 60 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी गई है. इसके लिए भी 500 करोड़ रुपये की निधि दी गई है.”

सीएम योगी ने महाकुंभ के आयोजन में हाईकोर्ट की भूमिका को किया रेखांकित

प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन में उच्च न्यायालय की भूमिका रेखांकित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन इतना सफल इसलिए हो सका क्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने किसी परियोजना पर रोक नहीं लगाई.”

उद्घाटन समारोह में उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी, न्यायमूर्ति पंकज मिथल, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा, केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय भी मौजूद थे.

इलाहाबाद हाई कोर्ट में बनाया गया मल्टीलेवल पार्किंग

इलाहाबाद उच्च न्यायालय में निर्मित मल्टीलेवल पार्किंग में 3,835 वाहनों की पार्किंग क्षमता है और साथ ही 2,366 चैंबर बनाए गए हैं. इस 14 मंजिला भवन के भूमिगत तल और भूतल सहित पांच मंजिल पार्किंग के लिए आरक्षित हैं. वहीं, छह मंजिल अधिवक्ताओं के चैंबर के लिए समर्पित हैं. इस भवन में 26 लिफ्ट, 28 एस्कलेटर और चार ट्रैवलेटर्स बनाए गए हैं.

[SAMACHAR]

Source link

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *