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दिव्या देशमुख ने पूर्व विश्व चैम्पियन झोंगयी टैन को हराकर महिला वर्ल्ड कप (FIDE Women’s World Cup) के फाइनल में जगह बना ली है. वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं. उन्होंने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट 2026 के लिए भी क्वालीफाई कर लिया है.
दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास
19 साल की भारतीय शतरंज प्लेयर दिव्या देशमुख ने फाइनल में चीन की झोंगयी टैन को हराकर बड़ा उलटफेर किया. नागपुर की रहने वाली दिव्या ने महिला विश्व कप के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया, वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं. उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें ग्रैंडमास्टर नॉर्म भी दिलाया है, जो इस खेल के सर्वोच्च खिताब की राह में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
“मैं और अच्छा कर सकती थी”, दिव्या देशमुख ने जीत के बाद कहा
दिव्या ने वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जीतने के बाद महसूस किया कि वो और अच्छा खेल सकती थी. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मैं और अच्छा खेल सकती थी. एक समय में मैं जीत रही थी लेकिन फिर स्थिति मुश्किल हो गई. मुझे लगता है कि बीच के खेल में मैंने गलती कर दी क्योंकि मुझे और आसान जीत मिलनी चाहिए थी.”
♟ FIDE Women’s World Cup R06 Game 2: Divya Deshmukh makes history by defeating former Women’s World Champion to reach final
In one of the most thrilling afternoons of chess in recent memory, India’s rising star, IM Divya Deshmukh, delivered a stunning upset by defeating former… pic.twitter.com/cUMnOjcHfl
— International Chess Federation (@FIDE_chess) July 24, 2025
दिव्या देशमुख ने इस टूर्नामेंट में इससे पहले चीन की जोनर झू और हमवतन डी हरिका को हराया था, सेमीफाइनल में भी उन्होंने अपना दबदबा कायम रखा, अब वह खिताब से एक कदम दूर हैं. दूसरे सेमीफाइनल में कोनेरू हम्पी ने चीन की टिंगजी लेई के साथ ड्रा खेला, अब दोनों के बीच छोटे प्रारूप में टाई ब्रेकर होगा.
2023 में जीता था इंटरनेशनल मास्टर का खिताब
दिव्या का जन्म 9 दिसंबर 2005 को नागपुर में एक मराठी परिवार में हुआ था. उनके माता और पिता, दोनों डॉक्टर हैं. उन्होंने 2021 में विमेंस ग्रैंडमास्टर और 2023 में इंटरनेशनल मास्टर का खिताब जीता था. 2022 में उन्होंने इंडियन चैस चैम्पियनशिप का खिताब जीता. उन्होंने अल्माटी में हुए (2023) एशियाई महिला शतरंज चैंपियनशिप भी जीती थी.
[SAMACHAR]
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