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Iran Israel Ceasefire: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक बार फिर अमेरिका को धमकी दी है. उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सैन्य ठिकानों तक ईरान की पहुंच है और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई कर सकता है. उन्होंने कतर में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर किए गए हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर दुश्मन आक्रमण करता है तो भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.
अमेरिका को जड़ा करारा तमाचा- खामेनेई
खामेनेई ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “ईरान ने अमेरिका के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा है. हमने उनके अल-उदीद एयर बेस पर हमला किया और उसे नुकसान पहुंचाया, जो इस क्षेत्र में अमेरिका के प्रमुख ठिकानों में से एक है.”
सीजफायर के बाद अपने पहले संबोधन में उन्होंने ईरान को बधाई देते हुए कहा, “अमेरीकी सरकार ने सीधे तौर पर जंग में एंट्री किया है. यूएस ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगा कि इजरायल पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा. अमेरिका इजरायल को बचाने के लिए युद्ध में घुसा, लेकिन उसे कुछ हासिल नहीं हुआ.”
ईरान के परमाणु ठिकानों पर यूएस ने किया हमला
अमेरिका ने 22 जून 2025 को ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला कर उसे तबाह कर दिया. इस मिशन में 125 से अधिक विमान, 7 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और 30 से ज्यादा टोमाहॉक मिसाइलें शामिल थे. इस हमले के बाद ट्रंप ने कहा कि ईरान के सभी परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचा है.
अमेरिकी सैन्य ठिकानों को ईरान ने बनाया निशाना
इसके जवाब में ईरान ने कतर में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया. ईरान ने कतर के अल उदीद एयरबेस पर 6 मिसाइलें दागी जिसके बाद मिडिल ईस्ट में तनाव काफी बढ़ गया. हालांकि कतर के रक्षा मंत्री ने बताया कि कतर की वायु सेना ने अधिकांश मिसाइलों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर लिया.
सीजफायर पर सहमति को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया, “इजरायल और ईरान लगभग एक साथ उनके पास आए थे और शांति की बात की. मुझे पता था कि अब समय आ गया है. दुनिया और मध्य पूर्व ही असली विजेता हैं. दोनों राष्ट्र अपने भविष्य में जबरदस्त प्रेम, शांति और समृद्धि देखेंगे. उन्हें बहुत कुछ हासिल करना है.”
[SAMACHAR]
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