Mumbai property market is and buying a house is expensive as Dubai richest need 109 years savings know about NHB data

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किराए पर रहने वालों का एक सपना होता है कि वे भी अपना घर खरीदें. वहीं जो लोग खुद के घर में रह भी रहे होते हैं, वो भी कहीं न कहीं यही सोचते हैं कि धीरे-धीरे बचत करके एक और प्रॉपर्टी खरीद ली जाए, जो कि भविष्य में काम आएगी. लेकिन आज के समय में इतनी महंगाई बढ़ गई है और घरों की कीमतें इतनी हैं कि इंसान घर लेने का इरादा करने से पहले 10 बार सोचता है. वहीं अगर आप मुंबई जैसे शहर में किराए पर रह रहे हैं और वहां पर घर खरीदने के लिए सोच रहे हैं, तो आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. क्योंकि मुंबई में अब प्रॉपर्टी के रेट दुबई जितने पहुंच रहे हैं. आइए इस बारे में थोड़ा विस्तार से बात करते हैं. 

मुंबई और दुबई में जमीन की कीमतें

हाल ही में राष्ट्रीय आवास बोर्ड यानि NHB ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट की मानें तो महाराष्ट्र में आय के हिसाब से जो 5 प्रतिशत अमीर परिवार हैं, उनको भी मुंबई में घर लेने के लिए 100 साल तक पाई-पाई जोड़नी पड़ेगी. मुंबई भारत का सबसे महंगा रियल स्टेट बनकर उभरा है. यहां पर औसत कीमतें 26,975 रुपये स्क्वायर फीट तक पहुंच गई हैं. यह आंकड़ा न सिर्फ भारत के अन्य शहरों को पीछे छोड़ता है, बल्कि ये रेट तो दुबई की प्रॉपर्टी रेट के आसपास पहुंच गए हैं. पिछले साल तक वहां पर जमीन की कीमत प्रति स्क्वायर फीट 27,884 के आसपास थी. 

कितनी है लोगों की आय

महाराष्ट्र में टॉप 5% शहरी लोगों के लिए एमपीसीई प्रति व्यक्ति प्रति माह आय 22,352 रुपये है. वहीं चार सदस्यों वाले परिवार के लिए प्रति माह आय 89,408 रुपये या प्रति वर्ष 10.7 लाख रुपये होगी. अब अगर महाराष्ट्र के इन्हीं टॉप 5% परिवारों पर 30.2% बचत की दर लागू की जाए तो उनकी वार्षिक बचत लगभग 3.2 लाख रुपये के आसपास होगी. एनएचबी के आंकड़ों से पता चलता है कि मकान की कीमतें 645 स्क्वायर फीट से 1,184 स्क्वायर फीट के बीच के कारपेट एरिया वाले मकान की पर स्क्वायर फीट कीमत मार्च 2025 में 29,911 रुपये थी.

कौन सा शहर सबसे किफायती

इस हिसाब से देखा जाए तो मुंबई में 1,184 स्क्वायर फीट के घर की कीमत औसतन 3.5 करोड़ रुपये से ज्यादा है. सालाना 3.2 लाख रुपये की बचत के हिसाब से महाराष्ट्र के जो टॉप 5% शहरी परिवार हैं, उनको यह घर खरीदने के लिए 109 साल तक बचत करनी होगी. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर हरियाणा और गुरुग्राम है. इन शहरों में घरों के लिए लोगों को 50 साल से ज्यादा की बचत करने की जरूरत है. वहीं इस मामले में चंडीगढ़ सबसे किफायती शहर है. यहां बचत की अवधि 15 साल के आसपास है.

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