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संवाददाता, कोलकाता
सुप्रीम कोर्ट ने वजाहत खान को बड़ी राहत देते हुए पश्चिम बंगाल के बाहर अन्य राज्यों में उसके खिलाफ दर्ज एफआइआर में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. खान ने अपनी याचिका में सोशल मीडिया पोस्ट से संबंधित असम, महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा में दर्ज एफआइआर को एक साथ जोड़ने की मांग की थी. जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की खंडपीठ ने सोमवार को यह अंतरिम आदेश पारित किया. खंडपीठ ने कहा कि वजाहत खान को पश्चिम बंगाल में दर्ज दो मामलों में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल कोलकाता के गोल्फग्रीन पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज एफआइआर में पुलिस हिरासत में हैं. बंगाल की दूसरी एफआइआर में उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है.
याचिका पर केंद्र और संबंधित राज्यों को नोटिस जारी करते हुए खंडपीठ ने आदेश दिया कि अन्य राज्यों में दर्ज एफआइआर या भविष्य में इसी तरह के आरोपों पर दर्ज की जाने वाली किसी भी अन्य एफआइआर के संबंध में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए. इस नोटिस का जवाब 14 जुलाई को दिया जाना है.
गौरतलब रहे कि वजाहत खान की शिकायत के बाद शर्मिष्ठा पनोली को पश्चिम बंगाल के अलावा अन्य राज्यों में दर्ज एफआइआर के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. इन एफआइआर में कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट शामिल थे. इसके बाद वजाहत खान के खिलाफ भी कोलकाता के अलावा अन्य राज्यों में मामले दर्ज किए गये. इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने खान को बंगाल के बाहर दर्ज मामलों में राहत दी है.
हालांकि, सुनवाई के दौरान जस्टिस विश्वनाथन ने वजाहत खान के आचरण पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा किये गये ट्वीट अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में नहीं आ सकते. उन्होंने कहा, “सभी नफरत फैलाने वाले बयान नहीं दे सकते हैं.” इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि खान केवल अपने खिलाफ सभी मामलों को एक जगह पर एकत्रित करने की मांग कर रहे हैं और वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
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[SAMACHAR]
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