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रिश्वत मामले में गिरफ्तार बीसीसीएल के क्लर्क धीरज निषाद व सीएमपीएफ के सेक्शन ऑफिसर विष्णु गुप्ता को गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया. अदालत ने दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. बता दें कि शिकायत अरविंद कुमार सिंह द्वारा चार जून 2025 को दर्ज करायी गयी थी. इसमें उन्होंने बताया कि बस्ताकोला कोलियरी से लाइन मिस्त्री के पद से सेवानिवृत्त उनके पिता शिव कुमार सिंह के पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन जैसे लाभों की प्रक्रिया के एवज में आरोपी क्लर्क ने 25 हजार रुपये की मांग की है. इसके बाद सीबीआई की एक टीम ने शिकायत के तथ्यों की पुष्टि के लिए स्वतंत्र जांच की. इसमें पाया कि धीरज निषाद द्वारा रिश्वत की मांग की गयी थी. इसके पश्चात पांच जून 2025 की सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज की गयी. सीबीआई के इस कदम से बीसीसीएल कार्यालयों में हलचल है. अन्य मामलों की भी जांच की संभावना जतायी जा रही है.
ट्रैप ऑपरेशन के तहत सीएमपीएफ के अधिकारी की हुई गिरफ्तारी :
पूछताछ में बीसीसीएल के क्लर्क धीरज ने खुलासा किया कि यह पैसा सीएमपीएफ ऑफिसर विष्णु गुप्ता को देना था. सीबीआइ ने ट्रैप ऑपरेशन के तहत विष्णु गुप्ता को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनायी. इसमें दोनों आरोपी फंसे. क्लर्क ने सीबीआई के निर्देश पर सीएमपीएफ अधिकारी को फोन कर कहा कि पैसा मिल गया है, हम लेकर आ रहे है. विष्णु गुप्ता ने मिलने को कहा. जब धीरज पैसे लेकर पहुंचा, तो सीबीआई ने विष्णु गुप्ता को रिश्वत लेते पकड़ लिया. सीबीआइ की इस कार्रवाई के बाद बीसीसीएल व सीएमपीएफ कार्यालयों में हड़कंप है. जानकारी के मुताबिक तो पीएफ-पेंशन निबटान में वर्षों से जारी भ्रष्टाचार में कई और नाम सामने आ सकते है. सीबीआई की जांच अब अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों तक पहुंच सकती है, जिससे भविष्य में और भी गिरफ्तारियां संभव है.
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[SAMACHAR]
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