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Maruti Suzuki shares saw a rise on Wednesday June 18 with a jump of 2 percent share price of the company reached 12841

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Maruti Suzuki Shares: ऑटोमोबाइल सेक्टर की बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी के शेयरों में बुधवार, 18 जून को तेजी देखने को मिली. 2 परसेंट की उछाल के साथ कंपनी के शेयर की कीमत 12,841 रुपये पर पहुंच गई. दरअसल, इस तेजी की पीछे एक बड़ी खबर है. बताया जा रहा है कि भारत सरकार रेयर अर्थ मैग्नेट्स की ऑल्टरनेट सोर्सिंग के लिए ऑस्ट्रेलिया पर विचार कर रही है. यानी कि सरकार अब ऑस्ट्रेलिया से रेयर अर्थ मैग्नेट मंगाने के बारे में सोच रही है ताकि सप्लाई चेन में विविधता लाई जा सके और चीन पर निर्भरता भी कम हो सके. 

इन देशों के साथ भी चल रही बातचीत

भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ रेयर अर्थ एलिमेंट्स की सप्लाई के लिए अर्जेंटीना, ब्राजील और चिली जैसे देशों के साथ भी बातचीत कर रहा है. चीन में दुनिया की 60 परसेंट से ज्यादा रेयर अर्थ एलिमेंट्स का प्रोडक्शन होता है और इसकी 90 परसेंट रिफाइनिंग भी चीन में ही की जाती है. जब से चीन ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स के एक्सपोर्ट पर रोक लगाया है, तब से भारत इसकी सप्लाई चेन को मजबूत बनाने के लिए कई देशों के साथ बातचीत कर रहा है. साथ ही इसकी प्रॉसेसिंग में भी आत्मनिर्भर बनने की कोशिश में जुटा हुआ है. 

मारुति सुजुकी का नया इलेक्ट्रिक व्हीकल 

पिछले हफ्ते वाणिज्य मंत्री पीयुष गोयल ने कहा था कि भारत सरकार सक्रिय रूप से कूटनीतिक प्रयासों और नई आपूर्ति श्रृंखलाओं के विकास सहित विकल्पों की तलाश कर रही है. इस मामले पर चीनी अधिकारियों के साथ भी बातचीत जारी है. सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदम मारुति सुजुकी के लिए और भी मायने रखती हैं क्योंकि भारत की सबसे बड़ी ऑटोमेकर कंपनी अपनी पहली इलेक्ट्रिक व्हीकल E-Vitara को लॉन्च करने की तैयारी में है. इससे पहले पिछले हफ्ते CNBC-TV18 की रिपोर्ट में बताया गया था कि रेयर-अर्थ मैग्नेट की कमी के कारण इसे लॉन्च करने में देरी हो रही है और प्रोडक्शन टारगेट में भी कमी लाए जाने पर बातचीत चल रही है. 

मारुति सुजुकी के शेयर 

इसी के साथ आज सुबह करीब 10 बजे कंपनी के शेयर NSE पर अपने पिछले बंद भाव से 1.7 परसेंट चढ़कर 12,839 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. साल की शुरुआत से अब तक मारुति सुजुकी के शेयरों में करीब 19 परसेंट तक की तेजी आ चुकी है.

हालांकि, यहां यह भी बताना जरूरी है कि भारत भले ही रेयर अर्थ मैग्नेट के लिए चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर है और अपनी जरूरत का लगभग 80 परसेंट आयात करता है, लेकिन बावजूद इसके भारत के ऑटो स्टॉक पर चीन के प्रतिबंध का प्रभाव सीमित रहा. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में बिकने वाले 95 परसेंट से अधिक गाड़ियों में आंतरिक दहन इंजन (ICE) लगे होते हैं. 

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[SAMACHAR]

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