Close

What is the Iran Fattah-1 Hypersonic Missiles Fired At Israel Know Range

[NEWS]

Iran Fateh-1 Missile: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव पर अब पूरी दुनिया की नजर है. हाल ही में ईरान ने इजरायल पर फतह-1 नाम की हाइपरसोनिक मिसाइल से हमला किया. यह मिसाइल ईरान ने पहली बार साल 2024 में दुनिया को दिखाई थी और अब इसका इस्तेमाल युद्ध में किया गया है.

क्या है फतह-1 मिसाइल?

फतह-1 ईरान की पहली हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे ईरान की सेना के खास दस्ते IRGC ने बनाया है. इसे पहली बार 2023 में दिखाया गया था और 2024 में इजरायल पर हमले में इसका इस्तेमाल हुआ. यह जमीन से जमीन पर (Surface to Surface) हमला करने वाली मिसाइल है, जो इतनी तेज और सटीक है कि दुश्मन के सुरक्षा सिस्टम इसे पकड़ नहीं पाते. 

सुपरफास्ट स्पीड: यह मिसाइल 16,000 से 18,500 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ती है, जो आवाज की गति से करीब 13 से 15 गुना ज्यादा है. इतनी तेज होने की वजह से इसे ट्रैक करना और रोकना बहुत मुश्किल है. यह मिसाइल तेल अवीव तक सिर्फ 6-7 मिनट (करीब 400 सेकंड) में पहुंच सकती है.

लंबी रेंज: इस मिसाइल की मारक क्षमता 1400 किलोमीटर तक है. यानी यह इजरायल, सऊदी अरब और मध्य पूर्व के कई देशों तक आसानी से पहुंच सकती है और हमला कर सकती है.

बेहद सटीक निशाना: फतह-1 में एडवांस नेविगेशन सिस्टम और सटीक दिशा-निर्देशन तकनीक लगी है. यह अपने टारगेट को सिर्फ 10 मीटर के दायरे में मार सकती है, जो इसे बेहद सटीक हथियार बनाता है.

हाइपरसोनिक चकमा: यह मिसाइल उड़ान के दौरान वायुमंडल के अंदर और बाहर दोनों ओर अपनी दिशा बदल सकती है. इसका यह अनियमित रास्ता (मेन्युवरेबल ट्रैजेक्टरी) दुश्मन के रडार और डिफेंस सिस्टम को धोखा देने में मदद करता है.

वॉरहेड क्षमता: फतह-1 मिसाइल 460 किलोग्राम तक का विस्फोटक (वॉरहेड) लेकर जा सकती है. इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक इसे किसी भी टारगेट को भारी नुकसान पहुंचाने में सक्षम बनाता है, चाहे वह सैन्य ठिकाना हो या अहम बुनियादी ढांचा. 

स्वदेशी तकनीक: ईरान का कहना है कि फतह-1 पूरी तरह से देश में बनी मिसाइल है. भले ही उस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हों, लेकिन ईरान ने अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी को लगातार मजबूत किया है. इसमें कहीं न कहीं रूस, चीन और उत्तर कोरिया की तकनीकों का प्रभाव भी माना जाता है.

फतह-1 मिसाइल- इजरायल के लिए नई चुनौती

ईरान और इजरायल में बढ़ते तनाव के बीच ईरान की फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल ने वैश्विक ध्यान खींचा है. यह मिसाइल अब इजरायल के मशहूर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम और एरो-3 के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है.

डिफेंस सिस्टम को चकमा देती फतह-1

आयरन डोम को छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइलों की तेज रफ्तार और बदलता उड़ान मार्ग इसे बेअसर कर देता है.

2024 में ईरान ने 7 फतह-1 मिसाइलें दागीं, जिनमें कुछ ने इजरायल के नेवातिम एयरबेस को निशाना बनाया. भले ही इजरायल ने कुछ मिसाइलों को रोका, लेकिन कई मिसाइलें डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर निशाना साधने में सफल रहीं. 

 पहले ड्रोन और फिर फतह-1

ईरान खास प्लानिंग के तहत पहले ड्रोन और सामान्य मिसाइलों से हमला कर आयरन डोम को व्यस्त करता है, फिर पीछे से फतह-1 जैसी घातक मिसाइलों से हमला करता है. यह रणनीति इजरायल की सुरक्षा प्रणाली की सीमाओं को उजागर करती है. 

स्वदेशी तकनीक से बना खतरनाक हथियार

ईरान ने लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना किया है, लेकिन इसके बावजूद उसने मिसाइल और ड्रोन तकनीक में आत्मनिर्भरता हासिल की है. ईरानी रक्षा मंत्री जनरल अजीज नसीरजादेह का दावा है कि फतह-1 GPS के बिना भी सटीक निशाना लगा सकती है और एक साथ कई लक्ष्यों में से किसी एक को चुनकर हमला कर सकती है. 

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस तकनीक के पीछे रूस, चीन और उत्तर कोरिया की मदद हो सकती है, लेकिन अब फतह-1 ईरान की सैन्य ताकत का प्रतीक बन चुकी है.

[SAMACHAR]

Source link

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *