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Maharashtra News: महाराष्ट्र के नाशिक जिले में मंगलवार (17 जून) को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को बड़ा झटका लगा. दोनों पार्टियों के कई वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब उद्धव और राज ठाकरे के संभावित मिलन की अटकलें तेज हैं.
दरअसल, मंगलवार को शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ पूर्व विधायक बाबनराव घोलप और नाशिक के पूर्व उपनेता सुधाकर बडगुजर बीजेपी में शामिल हो गए. इसके अलावा, मनसे प्रमुख राज ठाकरे के करीबी माने जाने वाले और नाशिक के पूर्व महापौर अशोक मुर्तडक ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया.
उद्धव ठाकरे ने पार्टी से किया था निष्कासित
बता दें कि जून के पहले सप्ताह में बडगुजर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी. इस पर नाराजगी जताते हुए उद्धव ठाकरे ने दो दिन बाद उन्हें ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के आरोप में शिवसेना (यूबीटी) से निष्कासित कर दिया था. हालांकि, स्थानीय बीजेपी विधायक सीमा हिरे ने बडगुजर के खिलाफ एक गंभीर आपराधिक मामले का हवाला देते हुए उनके बीजेपी में शामिल किए जाने विरोध किया है.
इसलिए छोड़ी पार्टी
वहीं, बाबनराव घोलप ने यूबीटी में हो रहे ‘असम्मानजनक व्यवहार’ को पार्टी छोड़ने का कारण बताया. अशोक मुर्तडक ने कहा कि उन्होंने नाशिक के विकास के लिए बीजेपी जॉइन करने का निर्णय लिया है, विशेष रूप से 2027 में होने वाले नाशिक कुंभ को ध्यान में रखते हुए.
शिंदे गुट में भी यूबीटी नेताओं की एंट्री
इधर, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी उद्धव गुट को झटका दिया है. मंगलवार को नाशिक से शिवसेना (यूबीटी) के कुछ पूर्व नगरसेवकों ने शिंदे गुट ज्वाइन किया है. ये सभी नेता सुबह शिंदे गुट में शामिल हुए, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि नाशिक की सियासत में बदलाव की लहर शुरू हो चुकी है.
[SAMACHAR]
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