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Donald Trump may give a last chance to tiktok after 19th June to sell its business in the US

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TikTok: वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक अमेरिका में फिर से एक बार बैन होने की कगार पर है. इसकी पेरेंट कंपनी बाइटडांस के पास अब बस 19 जून का तक का ही वक्त है कि वह या तो इसे किसी अमेरिकी कंपनी को बेच दे या फिर प्रतिबंध का सामना करे. बता दें कि अमेरिका में टिकटॉक के लगभग 170 मिलियन यूजर्स हैं. 

बाइटडांस को 19 जनवरी तक दिया गया मौका

हालांकि, हो सकता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टिकटॉक को किसी समझौते तक पहुंचने के लिए तीसरी बार एक आखिरी मौका दे. बीते 17 जनवरी को अमेरिका में टिकटॉक पर बैन लगने के कानून के फैसले को मंजूरी दी और 19 जनवरी से टिकटॉक ने यहां काम करना बंद कर दिया, लेकिन पूरी तरह से नहीं. मतलब कि मौजूदा यूजर्स के फोन से ऐप गायब नहीं हुआ, लेकिन नए यूजर्स इसे डाउनलोड नहीं कर पाएंगे और न ही ऐप को अपडेट करने का ऑप्शन फोन पर दिखाई देगा. 

5 अप्रैल तक बढ़ाई गई डेडलाइन

इसके बाद ऐप को अमेरिका में अपना ऑपरेशंस बेचने के लिए 5 अप्रैल तक का समय मिला. यानी कि इस तारीख तक बाइटडांस को अपना बिजनेस बेचना था, लेकिन इस तारीख तक भी कंपनी किसी समझौते तक नहीं पहुंच पाई. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 19 जून तक टिकटॉक की समयसीमा बढ़ा दी. बताया जा रहा है कि ट्रंप टिकटॉक को अमेरिका से अपना बोरिया बिस्तर समेटने के लिए एक आखिरी मौका देना चाह रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने डेडलाइन एक्सटेंड करते हुए फिर से एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. अब सवाल यह है कि अमेरिका में अपना बिजनेस बेचने के लिए टिकटॉक को अब कितना वक्त दिया जाएगा. 

क्यों टिकटॉक पर अमेरिका में लगा बैन? 

बता दें कि अमेरिका में टिकटॉक को अपना बिजनेस बेचने का कानून 2024 में पास हुआ था. 13 मार्च, 2024 में अमेरिकी प्रतिनिध सभा ने एक विधेयक पारित करते हुए बाइटडांस को छह महीने के भीतर अमेरिका से अपना कारोबार समेटने के लिए कहा. अन्यथा इसे बैन कर दिए जाने की बात कही. 24 अप्रैल, 2025 को सीनेट में भी यह पास हो गया, जिसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन की मंजूरी के साथ इसे कानून बना दिया गया. इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा. 

अमेरिकी सांसदों का कहना है कि टिकटॉक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. बताया गया चीन टिकटॉक के जरिए अमेरिकी यूजर्स की डेटा संग छेड़छाड़ कर सकती है, इसका इस्तेमाल चीन जासूसी के लिए कर सकती है. 

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[SAMACHAR]

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