[NEWS]
गोवा और अंटार्कटिका दुनिया के दो अलग-अलग छोर पर स्थित हैं. दोनों का मौसम, स्थिति और पर्यावरण पूरी तरह से अलग है. गोवा जो कि समुद्र किनारे बसा हुआ है. यहां पर पर्यटक खूब घूमने के लिए आते हैं. यहां का सुहाना मौसम, समुद्र का किनारा और खूबसूरत नजारा लोगों को बहुत आकर्षित करता है. वहीं एक तरफ अंटार्कटिका है. यहां पर चारों तरफ सिर्फ बर्फ ही बर्फ है. इस जगह मैदानी इलाकों के मुकाबले रहना काफी मुश्किल होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोवा और अंटार्कटिका में एक बात समान है. इन दोनों जगहों का पिन कोड नंबर एक जैसा है. आखिर ऐसा क्यों है चलिए जानते हैं.
गोवा और अंटार्कटिका का पिन कोड एक क्यों?
अगर आप अंटार्कटिका में कोई लेटर पोस्ट करना चाहते हैं तो आप उस पर गोवा का पिन कोड नंबर लिख दीजिए वो अंटार्कटिका पहुंच जाएगा. अब आप सोच रहे होंगे कि हम यह क्या मजाक कर रहे हैं. लेकिन यह मजाक नहीं बल्कि सच है. दरअसल गोवा और अंटार्कटिका का पिन कोड एक ही है. दोनों एकदम अपोजिट जगहों के पिन कोड 403001 है. दरअसल यह हुआ था साल 1983 में जब भारत का पहला रिसर्च सेंटर दक्षिण गंगोत्री अंटार्कटिका में खुला था. इसके एक साल के बाद दक्षिण गंगोत्री में एक पोस्ट ऑफिस खोला गया.
अंटार्कटिका के लिए भेजी चिट्ठी कहां जाती है
भारतीय उप-महाद्वीप के बाहर यह पहला पोस्ट ऑफिस था. ये पोस्ट ऑफिस वहां पर इसलिए खोला गया था, ताकि रिसर्चर्स के परिवार उनको चिट्ठी लिख सकें, लेकिन आखिर वहां तक चिट्ठी पहुंचेगी कैसे? यह बड़ा सवाल था. इसका जवाब था कि ऐसी सारी चिट्ठियां गोवा पोस्ट की जाएं. जब आप चिट्ठी के पते में अंटार्कटिका के साथ पिन कोड 403001 लिखेंगे तो यह चिट्ठी पहले गोवा के पोर्ट टाउन वास्को में स्थित ‘नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च’ NRPOR जाएगी. इसके बाद ये चिट्ठियां उस रिसर्चर को दी जाती हैं, जो कि अंटार्कटिका जा रहा होता है.
NCPOR क्यों जाती हैं चिट्ठियां
रिसर्च सेंटर पर चिट्ठियों के कैंसिल कर दिया जाता है और वापस लाया जाता है. इसके बाद डाक के जरिए वापस कर दिया जाता है. अधिकारियों की मानें तो ‘रद्द करना’ डाक टिकट या फिर स्टेशनरी पर निशान लगाना होता है, जो कि टिकट को खत्म करने या फइर दोबारा इस्तेमाल करने से रोकने के लिए होता है. दरअसल गोवा में NCPOR अंटार्कटिका में भारतीय अभियानों का केंद्र है इसलिए इसमें गोवा का पिन कोड यूज होता है.
यह भी पढ़ें: कब और कैसे होती है प्लेन की सर्विसिंग? जानें इसमें कितना आता है खर्च
[SAMACHAR]
Source link