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कुछ दिनों पहले ही अहमदाबाद में एक यात्री विमान रिहायशी इलाके में क्रैश हो गया था. इस दौरान 241 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद बीते रविवार को केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई है. दोनों ही हादसे इस वक्त सुर्खियों में बने हुए हैं. अहमदाबाद वाला प्लेन हादसा तो सच में बहुत ज्यादा खतरनाक था. इस प्लेन में इतना ज्यादा फ्यूल भरा हुआ था या कहें कि इसका टैंक पूरी तरह से फुल था, क्योंकि विमान लंदन जा रहा था. इसीलिए हादसा इतना गंभीर हुआ और सिर्फ एक शख्स को छोड़कर कोई नहीं बचा. अब यह भी जान लेते हैं कि आखिर प्लेन में ईंधन कहां और कैसे भरा जाता है. 

कहां होता है फ्यूल टैंक

विमान में फ्यूल भरा जाना इसके इंजन पर निर्भर करता है. फ्लाइट में फ्यूल की खपत बहुत ज्यादा होती है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्लेन में फ्यूल उसकी मेन बॉडी में नहीं, बल्कि उसके विंग्स में स्टोर किया जाता है. प्लेन में भारी-भरकम फ्यूल इसके दोनों पंखों में भार होता है. इसके फ्यूल को विंग्स में स्टोर करने का मुख्य कारण हवा में उसका वजन और लिफ्ट फोर्स में बैलेंस रखना. प्लेन के वजन के बराबर उसके पंखों पर लिफ्ट फोर्स का होना बहुत जरूरी होता है. इसलिए फ्यूल को इसके विंग्स में रखा जाता है. 

खोखले होते हैं विंग्स

प्लेन के विंग्स वैसे तो देखने में बहुत बड़े होते हैं, लेकिन ये अंदर से बिल्कुल खोखले होते हैं. इन्हीं विंग्स में जेट फ्यूल को भरा जाता है. इसके अलावा अगर कहीं और फ्यूल भरा जाता है जो जहाज में बैलेंस की दिक्कत हो सकती है. लेकिन लंबी दूरी वाले हवाई जहाज में फ्यूल टैंक सिर्फ पंखों में ही नहीं बल्कि प्लेन के बीच के हिस्से में भी एक बड़ा फ्यूल टैंक होता है. इसको सेंट्रल फ्यूल टैंक कहा जाता है. जिससे कि लंबी दूरी की उड़ाने बिना रुके पूरी की जा सकें. 

कैसे भरा जाता है ईंधन

हवाई जहाज में ईंधन भरने की प्रक्रिया आम कारों से बिल्कुल अलग होती है. बड़े-बड़े एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट में फ्यूल री-फिलिंग के लिए या तो स्पेशल फ्यूल ट्रक होते हैं, या फिर अंडरग्राउंड पाइपलाइन का इस्तेमाल किया जाता है. फ्लाइट के टेकऑफ से पहले एक फ्यूल ट्रक प्लेन के पास आता है और उसके पंखों के नीचे एक खास नोजल लगा होता है. इससे प्लेन में ईंधन सप्लाई किया जाता है. यह प्रक्रिया कंप्यूटर के जरिए नियंत्रित की जाती है, जिससे कि मतलब भर का ही ईंधन प्लेन में भरा जा सके.

यह भी पढ़ें: किस देश में होते हैं सबसे ज्यादा विमान हादसे, आंकड़े देख चौंक जाएंगे

[SAMACHAR]

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