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Israel attacks Iran: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को एक बड़े सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ की घोषणा की, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों से उत्पन्न खतरे को समाप्त करना है. उन्होंने कहा कि इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक ईरान का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता. नेतन्याहू के मुताबिक, इजरायल पहले ही ईरान के कई अहम ठिकानों को निशाना बना चुका है.
नेतन्याहू ने ईरान पर अंतरराष्ट्रीय चेतावनियों की अनदेखी कर परमाणु हथियार विकसित करने का आरोप लगाया और बताया कि ईरान के पास नौ परमाणु बमों के निर्माण लायक उच्च संवर्धित यूरेनियम मौजूद है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति दूसरे विश्व युद्ध से पहले के हालात जैसी है. उन्होंने चेतावनी दी कि 80 साल पहले यहूदी लोग नाज़ी होलोकॉस्ट के शिकार बने थे, लेकिन अब यहूदी राष्ट्र ईरान के संभावित परमाणु होलोकॉस्ट का शिकार नहीं बनेगा.
परमाणु ठिकानों और वैज्ञानिकों पर हुए हमले
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बताया कि इजरायल ने ईरान के यूरेनियम संवर्धन केंद्र, परमाणु हथियार निर्माण स्थलों और नतांज स्थित मुख्य संयंत्र को निशाना बनाया है. साथ ही, उन वैज्ञानिकों को भी लक्षित किया गया जो ईरानी परमाणु बम पर काम कर रहे थे. नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के मुख्य केंद्र पर भी हमला किया, क्योंकि इन मिसाइलों की क्षमता भविष्य में परमाणु हथियार ले जाने की है.
उन्होंने दावा किया कि ईरान अगले तीन वर्षों में ऐसी 10,000 मिसाइलें बना सकता है जो एक टन विस्फोटक ढो सकती हैं. इस खतरे को उन्होंने न्यू जर्सी जैसे छोटे देश पर 10,000 टन TNT गिराने जैसा बताया. नेतन्याहू ने इसे असहनीय खतरा करार देते हुए कहा कि इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए.
ईरानी प्रॉक्सी नेटवर्क पर हमले
नेतन्याहू ने कहा कि ईरान इजरायल को चारों ओर से घेरने की योजना बना रहा है और उसने 7 अक्टूबर को अपने प्रॉक्सी गुटों के माध्यम से इजरायल पर सीधा हमला किया, लेकिन इजरायली जनता और सेना ने मिलकर इसका डटकर मुकाबला किया. उन्होंने बताया कि हमास को कुचल दिया गया, हिज़्बुल्लाह को भारी नुकसान पहुंचाया गय, और सीरिया व यमन में ईरानी प्रॉक्सियों पर सटीक हमले किए गए. दो बार जब ईरान ने इजरायल पर सीधे हमला किया तो जवाबी कार्रवाई ईरान के भीतर घुसकर की गई.
उन्होंने कहा कि इजरायल न केवल खुद की बल्कि अपने अरब पड़ोसियों की भी रक्षा कर रहा है. हिज़्बुल्लाह पर कार्रवाई के बाद लेबनान में नई सरकार बनी और सीरिया में असद का शासन ढह गया. ईरान की जनता को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि हमारी लड़ाई आपके खिलाफ नहीं, बल्कि उस तानाशाही शासन के खिलाफ है जो 46 वर्षों से आपको दबा रहा है. उन्होंने विश्वास जताया कि एक दिन दोनों प्राचीन राष्ट्रों के बीच फिर से दोस्ती होगी.
ईरान को रोकना अनिवार्य, नहीं तो पूरी दुनिया खतरे में
नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि दुनिया के सबसे खतरनाक शासन को सबसे खतरनाक हथियार नहीं दिए जा सकते. ईरान इन्हें अपने आतंकी सहयोगियों को देने की योजना बना रहा है, जिससे परमाणु आतंकवाद का खतरा उत्पन्न हो गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान की लंबी दूरी की मिसाइलें यूरोप और अमेरिका तक पहुंच सकती हैं. उन्होंने कहा कि ईरान इजरायल को ‘छोटा शैतान’ और अमेरिका को ‘बड़ा शैतान’ कहता है और दशकों से ‘इजरायल मुर्दाबाद’ और ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे लगवा रहा है.
नेतन्याहू ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी धन्यवाद किया और कहा कि उन्होंने बार-बार स्पष्ट किया कि ईरान को परमाणु संवर्धन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. नेतन्याहू ने आरोप लगाया कि ईरान समय खींच रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति की जरूरतों को नजरअंदाज कर रहा है इसलिए अब सैन्य कार्रवाई ही एकमात्र विकल्प बचा है.
इतिहास का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि एक सदी पहले, जब नाज़ी खतरा बढ़ रहा था, तब दुनिया के नेताओं ने समय रहते कदम नहीं उठाया और इसका नतीजा था भयावह विश्व युद्ध और 60 मिलियन लोगों की मौत, जिसमें 6 मिलियन यहूदी शामिल थे. उन्होंने कहा, “उस युद्ध के बाद हमने कहा था – नेवर अगेन. अब वह समय आ गया है जब हमें यह साबित करना है.”
उन्होंने कहा कि इजरायल ने इतिहास से सबक लिया है, जब कोई तुम्हें नष्ट करने की धमकी दे, तो उस पर विश्वास करो और पहले वार करो. उन्होंने बाइबिल से कोट किया- “जब कोई तुम्हें मारने आए, तो उससे पहले मारो.” उन्होंने इजरायल की एकता और साहस पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा देश केवल अपनी नहीं बल्कि दुनिया की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है.
अंत में नेतन्याहू ने कहा, “भविष्य की पीढ़ियां याद रखेंगी कि हमारी पीढ़ी ने समय पर कार्रवाई की और सभ्यता की रक्षा की. ईश्वर इजरायल और उन सभी सभ्य राष्ट्रों की रक्षा करें जो स्वतंत्रता और न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं.”
[SAMACHAR]
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