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Central Government Health Scheme: स्वास्थ्य सभी लोगों के जीवन का एक बेहद जरूरी पहलू होता है. कब जिंदगी में अचानक से कौन सी हेल्थ इमरजेंसी आ जाए कहा नहीं जा सकता. इसलिए लोग ऐसी अनिश्चितताओं से बचने के लिए पहले से ही तैयार होकर चलते हैं. आज के दौर में ज्यादातर लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेकर चलते हैं. ताकि उन्हें भविष्य में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़ जाए.
देश में जो लोग भारत सरकार के अधीन काम करते हैं. ऐसे लोगों को भारत सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ देती है. इसके लिए सरकार की ओर से सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम यानी सीजीएचएस योजना चलाई जाती है. जिसके तहत देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को फायदा मिलता है. सरकार की ओर से इस स्कीम में कुछ बदलाव होने वाले हैं. चलिए आपको बताते हैं इनसे कितना होगा कर्मचारियों को फायदा.
सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम में होंगे बदलाव
सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के जरिए देश में तकरीबन 1 करोड़ के आसपास केंद्रीय कर्मचारी और पेंशन धारकों को लाभ मिलता है. साल 1954 में भारत सरकार की ओर से यह स्कीम शुरू की गई थी जो कि अब देश के 80 से ज्यादा शहरों में सुविधाएं मुहैया करवाती है. इस स्कीम के जरिए इम्पैनल्ड अस्पतालों में कैशलेस इलाज मिलता है. जिनमें देश के 1500 सरकारी और प्राइवेट अस्पताल और डिस्पेंसरी शामिल है. CGHS स्कीम में सस्ती दवाइंया भी मिलती हैं.
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हाल ही में इस योजना से जुड़ी बड़ी खबर आई है. सरकार की ओर से इस योजना में बड़े पैमाने पर बदलाव किए जा सकते हैं. जिनमें स्टाफ की कमी, दवाइयाों की उपलब्धता और निजी अस्पतालों को सब्सिडी वाले इलाज के लिए जोड़ने जैसी सुविधाएं शामिल है. ऐसा होता है तो करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशनधारकों को इससे काफी फायदा होगा.
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यह बदलाव हो सकते हैं
इन बदलावों में बात की जाए तो सीजीएचएस स्कीम के तहत नई वैलनेस सेंटर्स खोले जा सकते हैं. जिनमें पुणे, बेंगलुरु, नागपुर, बालासोर, चेन्नई, पुडुचेरी और जम्मू जैसे शहर शामिल हैं. इन वेलनेस सेंटर्स के अलावा देश के बाकी वेलनेस सेंटर्स में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए स्टाफ सेलेक्शन कमीशन के जरिए भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू की जाने वाली है. कई बार देखा गया है की पेंशन भोगियों को मेडिकल रिफंड क्लेम मिलने में देरी हो जाती है. इस परेशानी को भी अब ठीक किया जाएगा.
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[SAMACHAR]
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