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Turkey Propaganda on Rafale: पाकिस्तान से जंग हारने के बावजूद उसकी प्रोपेगेंडा मशीन एक्टिव है और इस बार उसे चीन और तुर्की जैसे देशों का खुला समर्थन मिल रहा है. अब तुर्की, पाकिस्तान के झूठे दावों को बढ़ावा देते हुए भारत के दोस्त ग्रीस को धमकाने की कोशिश कर रहा है. तुर्की की कंजरवेटिव मीडिया TR Haber ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत-पाक संघर्ष में पाकिस्तान ने भारत के राफेल विमानों को गिराया और ग्रीस को राफेल खरीद को लेकर सावधान रहने की जरूरत है.
ग्रीस को डराना है मकसद!
TR Haber की रिपोर्ट का मकसद ग्रीस को डराना है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर पाकिस्तान, चीन निर्मित JF-17 लड़ाकू विमान और PL-15 मिसाइल की मदद से भारत के राफेल को निशाना बना सकता है तो ग्रीस के लिए भी फ्रांस से खरीदे गए 24 राफेल खतरे से खाली नहीं हैं. जबकि सच्चाई यह है कि भारत ने कभी इस बात की पुष्टि नहीं की कि उसके राफेल विमान किस तरह गिरे या कितने गिरे.
राफेल पर प्रोपेगेंडा और भारत-फ्रांस साझेदारी को कमजोर करने की कोशिश
TR Haber की रिपोर्ट यह भी दावा करती है कि भारत, फ्रांस से खरीदे गए राफेल जेट्स के प्रदर्शन से नाराज़ है और उसने डसॉल्ट एविएशन द्वारा प्रस्तावित टेक्निकल ऑडिट को ठुकरा दिया है. यह रिपोर्ट पहले पाकिस्तान के मीडिया में छपी और फिर चीन ने इसे उठाया. हालांकि, भारत सरकार या भारतीय वायुसेना की ओर से ऐसी कोई पुष्टि नहीं की गई है, जिससे इस रिपोर्ट की साख सवालों के घेरे में आ जाती है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत फ्रांस की प्रोडक्शन क्वालिटी और सोर्स कोड साझा न करने की नीयत पर शक कर रहा है. दरअसल, तुर्की की ये कोशिशें केवल राफेल की क्षमताओं पर सवाल उठाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि भारत और फ्रांस के बीच बढ़ती रक्षा साझेदारी को कमजोर करने की साजिश भी है.
तुर्की की असल चिंता: भारत-ग्रीस संबंधों में गर्माहट
तुर्की का असली डर यह है कि भारत अब ग्रीस के साथ अपने संबंधों को और मज़बूत कर सकता है. TR Haber की रिपोर्ट से यह आशंका भी झलकती है कि भारत, ग्रीस में सामरिक निवेश की संभावनाएं तलाश रहा है. ग्रीक अखबार Ekathimerini की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ग्रीस के बंदरगाहों, पर्यटन और रक्षा क्षेत्रों में निवेश को लेकर रुचि दिखा रहा है.
इसके अलावा Hellenic Aerospace Industry (EAB) और Hellenic Defense Systems (EAS) में भारतीय निवेश की चर्चाएं भी तुर्की को परेशान कर रही हैं. खासकर तब जब भारत ने तुर्की के सबसे घातक ड्रोन Bayraktar TB-2 को युद्ध क्षेत्र में विफल कर दिया.
भारत ने तुर्की के ड्रोन्स को किया नाकाम
भारत ने तुर्की के Bayraktar TB-2 जैसे ड्रोन को नाकाम कर दिया है, जिससे तुर्की की डिफेंस इंडस्ट्री को भारी नुकसान की आशंका है. इस विफलता के चलते कई ऑर्डर रद्द हो सकते हैं और नए सौदे मिलने की उम्मीद भी कम हो गई है. भारत ने अपने स्वदेशी हथियारों जैसे आकाश डिफेंस सिस्टम और टी-4 सिस्टम की मदद से तुर्की के ड्रोन्स को ध्वस्त किया है.
तुर्की को डर है कि अब भारत इन हथियारों का सौदा ग्रीस के साथ कर सकता है. यही नहीं, भारत के पास ब्रह्मोस मिसाइल जैसी तकनीक है, जिसे कई देशों के साथ साझा किया जा सकता है और यह बात तुर्की और चीन दोनों के लिए खतरे की घंटी है.
भारत-ग्रीस-साइप्रस की तिकड़ी से तुर्की की बेचैनी
भारत केवल ग्रीस ही नहीं, बल्कि साइप्रस और आर्मेनिया जैसे तुर्की विरोधी देशों के साथ भी अपने रिश्ते मज़बूत कर रहा है. आर्मेनिया को भारत पहले ही हाई-टेक हथियार दे चुका है, जिसने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में अपनी क्षमताएं साबित की हैं. अब भारत इन देशों को आकाश डिफेंस सिस्टम, टी-4 और ब्रह्मोस जैसे हथियारों की आपूर्ति कर सकता है.
[SAMACHAR]
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