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कुंडहित. प्रखंड के विभिन्न गांवों में शनिवार को ईद-उल-अजहा का पर्व मनाया गया. त्याग और समर्पण के प्रतीक स्वरूप बकरों की कुर्बानियां दी गयी. बकरीद की नमाज पढ़कर लोगों ने अमन, शांति एवं खुशहाली की दुआएं मांगी. प्रखंड के बाघाशोला, विक्रमपुर, चुहादहा, बनकाटी, महेशपुर, सटकी आदि गांवों के ईदगाहों में विशेष नमाज अता की गयी. एक दूसरे को गले लगाकर बकरीद की बधाई दी. पर्व को लेकर सुबह से ही लोगों में उत्साह देखा गया. नये कपड़े पहनकर लोग विभिन्न मस्जिदों में जमा होने लगे थे. मस्जिद में नमाज के दौरान बाघाशोला के इमाम इशहाक आलम ने कहा कि ईद उल अजहा बलिदान और संयम का दिन है. बकरीद के मौके पर विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए थे. फतेहपुर में ईदगाहों में अदा की गयी बकरीद की नमाज फतेहपुर. ईद-उल-अजहा का पर्व पूरे फतेहपुर प्रखंड क्षेत्र में भाईचारे के साथ मनाया गया. सुबह से ही मुस्लिम समुदाय के लोग पारंपरिक परिधान में ईदगाहों की ओर रुख करने लगे. खिजुरिया, बनगढ़ी, फतेहपुर, अंधारो, भागूपाड़ा, झिलुआ, दुधानी, बमनडीहा मुस्लिम बहुल गांव के ईदगाहों में विशेष नमाज अदा की गयी. नमाज के पहले इमामों ने अपने खुतबे में पैगंबर इब्राहिम और उनके बेटे इस्माइल की कुर्बानी की ऐतिहासिक घटना का जिक्र किया. बताया कि यह पर्व त्याग और समर्पण का मिसाल है. हर ईदगाह में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी. नमाज समाप्ति के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दी.
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[SAMACHAR]
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