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RCB Victory Parade Stampede: आरसीबी विक्ट्री परेड के दौरान बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार (06 जून, 2025) को बड़ा फैसला किया है. अदालत ने राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.
कर्नाटक हाई कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि 4 जून को आरसीबी की विक्ट्री परेड के दौरान एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. हालांकि, अदालत ने केएससीए मैनेजमेंट कमिटी को जांच में सहयोग करने और बिना इजाजत के अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर न जाने का निर्देश दिया.
जानें अदालत में क्या हुई बहस?
केएससीए ने कहा है कि एफआईआर दर्ज करना गैरकानूनी है, क्योंकि पुलिस ने भगदड़ की घटना पर अप्राकृतिक मौत रिपोर्ट (यूडीआर) दर्ज करके जांच शुरू कर दी थी. केएससीए के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना पुलिस की ओर से न्याय की गंभीर विफलता है, जबकि सरकार ने खुद भगदड़ को एक अप्रत्याशित दुर्घटना और अनपेक्षित कृत्य बताया था.
केएससीए की याचिका में दावा किया गया है, “यह घटना अचानक आई भीड़ की वजह से हुई एक दुर्घटना थी और इसके लिए विशेष रूप से केएससीए की प्रबंधन समिति की कोई मंशा या मकसद नहीं बताया जा सकता है क्योंकि स्टेडियम के गेट और भीड़ का प्रबंधन आरसीएसपीएल की ओर से किया गया था न कि केएससीए की ओर से, जिसने आरसीबी के आयोजन के लिए स्टेडियम किराए पर लिया था.”
केएससीए ने दावा किया, “जब पुलिस अधिकारियों के निलंबन का आदेश साफ तौर पर पुलिस विभाग की विफलता को दर्शाता है तो पुलिस उसे परेशान नहीं कर सकती है.”
अदालत ने क्या दिया आदेश?
आदेश में कहा गया, “वे अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे. अंतरिम व्यवस्था के तहत, रजिस्ट्री को 16 जून को फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है, बिना किसी पूर्वाग्रह के प्रतिवादियों को निर्देश दिया जाता है कि वे आर2, 3, 4 के खिलाफ कोई भी जल्दबाजी में कार्रवाई न करें. अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो इससे उनके संवैधानिक अधिकार प्रभावित होंगे. अटॉर्नी जनरल इस दलील का विरोध करेंगे कि पारित कोई भी अंतरिम आदेश जांच/आयोग/जांच को प्रभावित करेगा.”
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[SAMACHAR]
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