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धनबाद.
सीएसआइआर – सीआइएमएफआर में गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस ””प्लास्टिक प्रदूषण से मुकाबला”” थीम के साथ मनाया गया. कार्यक्रम का आयोजन प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन व जल संसाधन प्रबंधन समूहों द्वारा किया गया. आयोजन दो सत्र में हु़आ. सुबह के सत्र में विभिन्न प्रतियोगिताएं हुईं. दोपहर का सत्र संस्थान के निदेशक अरविंद मिश्रा के स्वागत भाषण से शुरू हुआ. उन्होंने पर्यावरणीय क्षरण व माइक्रोप्लास्टिक के मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव को लेकर चिंता जतायी.
मानव मस्तिष्क तक पहुंच चुका है प्लास्टिक
निदेशक अरविंद मिश्रा ने बताया कि प्लास्टिक अब मानव मस्तिष्क तक पहुंच चुका है, जो बेहद चिंताजनक है. उन्होंने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन में संस्थान की भूमिका पर प्रकाश डालते ‘फाइव आर’ सिद्धांत (मना करें, कम करें, पुनः उपयोग करें, नया रूप दें, और पुनर्चक्रण करें) को अपनाने की अपील की. मुख्य अतिथि डॉ संजय कुमार, पूर्व महानिदेशक वन विभाग ने वैज्ञानिकों नीति निर्माताओं, छात्रों व नागरिकों से मिलकर पर्यावरण संरक्षण हेतु समन्वित प्रयास करने का आह्वान किया. विशिष्ट अतिथि विकास पालीवाल, जिला वन अधिकारी, धनबाद ने भी संबोधित किया. उन्होंने “प्रोजेक्ट डॉल्फ़िन” व “जस्ट ट्रांज़िशन व एसडीजी” जैसे प्रयासों का उल्लेख करते हुए हरित ऊर्जा, वनीकरण और जिम्मेदार खनन को समय की आवश्यकता बताया. बीआइटी मेसरा के प्रोफेसर जावेद इक़बाल ने पर्यावरणीय शोध, जन-जागरूकता और तकनीकी नवाचार को आगे बढ़ाने पर बल दिया. अंत में प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार व प्रमाणपत्र दिया गया. कार्यक्रम का समापन संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सिद्धार्थ सिंह के धन्यवाद ज्ञापन व पौधरोपण के साथ हुआ.
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[SAMACHAR]
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