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आज का दौर बहुत ही अनिश्चितताओं भरा दौर है. यहां कब क्या हो जाए किसी को कुछ भी खबर नहीं होती है. हाल ही के दिनों में देखा जाए. तो दुनिया में बहुत सी इस तरह की घटनाएं देखने को मिली है. जिन्होंने लोगों को झकझोर कर रख दिया है. भारत में इन दिनों कई राज्यों में बरसात और बाढ़ का कहर जा रही है. जिस वजह से कई मकान ध्वस्त हो गए हैं.
कई लोगों के आशियाने पानी में बह गए. ऐसे में इन इलाकों में रहने वाले लोगों को अब अपने फ्लैट की चिंता सता रही है. कई लोगों के मन में यह सवाल भी आ रहा है. क्या वह अपने फ्लैट का इंश्योरेंस करवा सकते हैं. क्या हैं इसे लेकर भारत में नियम. जान लीजिए जवाब
क्या फ्लैट का भी इंश्योरेंस हो सकता है?
जिंदगी में हादसे कभी भी नोटिफिकेशन देकर नहीं आते. इसलिए लोग इन हादसों में होने वाले नुकसान से बचने के लिए पहले ही तैयारी करके चलते हैं. कई बार देखा गया है कि फ्लैट में आग लगने की घटना हो, चोरी हो जाए या फिर अचानक किसी वजह से घर को नुकसान पहुंच जाता है. कई घटनाओं में बार नुकसान इतना बड़ा होता है कि संभलने में सालों लग जाते हैं. ऐसे में बहुत से लोग सोचते हैं कि क्या फ्लैट का भी उसी तरह इंश्योरेंस हो सकता ह जैसे हेल्थ का होता है. तो इसका जवाब है हां. लेकिन आपको बता दें फ्लैट इंश्योरेंस हेल्थ इंश्योरेंस अलग होता है. जिसके अलग नियम होते हैं
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क्या-क्या चीजें होती हैं कवर?
फ्लैट इंश्योरेंस में सामान्य तौर कई चीजे कवर होती हैं. जैसे दीवार, छत और फर्श. इसके अलावा फ्लैट में मौजूद चीजें जैसे फर्नीचर, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स लेकिन इसके लिए आपको रेंटर्स इंश्योरेंस लेना होता है. मुख्य तौर पर फ्लैट इंश्योरेंस पॉलिसी में प्राकृतिक आपदाएं जैसे आग, बाढ़, भूकंप का नुकसान कवर होता है.
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इसके साथ ही तीसरे पक्ष को लगी चोट या नुकसान भी बीमा में शामिल किया जा सकता है. हालांकि क्या कवर होगा और क्या नहीं. यह इस बात पर निर्भर करता है आपने कौन सी पॉलिसी ली है. इसलिए पॉलिसी लेते वक्त सभी डाक्यूमेंट्स को अच्छे से पढ़ लें.
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[SAMACHAR]
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