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ऑपरेशन सिंदूर में जब भारत ने नौ पाकिस्तानी ठिकानों को तबाह कर दिया, तो इसके बाद पड़ोसी मुल्क की बौखलाहट बढ़ गई. उसने भारत पर जमकर ड्रोन से हमले किए, लेकिन भारत ने उनके सभी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया और उन अटैक को नाकाम कर दिया. इस दौरान दुनिया के कई देश भारत के साथ थे, लेकिन तुर्किए ने एक बार फिर से पाकिस्तान का साथ दिया. तुर्किए जिसको भारत का एहसान मानना चाहिए कि जब उसके यहां 6 फरवरी 2023 को विनाशकारी भूकंप आया तो भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया था.
इस भूकंप में 55,000 लोगों की जान चली गई थी. पीएम मोदी ने भूकंप के तुरंत बाद तुर्किए को मदद भेजने का एलान किया था. लेकिन तुर्किए ने भारत की पीठ में खंजर घोपा और फिर से पाकिस्तान का साथ दिया. आइए जानें कि इस देश में कितने मुसलमान हैं.
तुर्किए के ड्रोन का पाक ने किया इस्तेमाल
तुर्किए एक मुस्लिम देश है, लेकिन पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने जो भारत के साथ किया और तुर्किए का पड़ोसी मुल्क का साथ देना ठीक नहीं था. भारत पाकिस्तान में हुए तनाव में तुर्किए सीधे तौर पर पाक की मदद कर रहा था. तुर्किए ने पाकिस्तान को ड्रोन सप्लाई किए थे, जिनकी मदद से पाक ने भारत पर हमला किया था. हालांकि पहले तो तुर्किए ने भारत में हुए पहलगाम हमले की निंदा की, लेकिन जैसे ही इस हमले का कनेक्शन पाकिस्तान से निकला तो तुर्किए के सुर बदल गए. तुर्किए के राष्ट्रपति ने पाकिस्तानी आतंकियों को श्रद्धांजलि तक दे डाली.
तुर्किए में मुसलमानों की संख्या
तुर्किए पूरी तरह से इस्लामिक देश है. यहां पर 99.8% आबादी मुसलमान है. यहां अधिकरत सुन्नी मुसलमान हैं और कुछ अलेवी मुसलमान भी रहते हैं. सुन्नी इस्लाम तुर्किए में सबसे बड़ा इस्लामी संप्रदाय है. इसमें उस देश के करीब 90 फीसदी मुसलमान शामिल हैं. अलेवी भी तुर्किए में ही शामिल है, जो इस्लाम के गैर-रुढ़िवादिता का पालन करता है. अलेवी आबादी की बात करें तो यह लगभग 3.5 मिलियन से 12 मिलियन के बीच बताई जाती है. इसके अलावा शेष 0.2% अन्य – ज्यादातर ईसाई और यहूदी हैं.
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[SAMACHAR]
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