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भारत और पाकिस्तान के बीच छिड़ा सैन्य संघर्ष फिलहाल शांत हो चुका है. 7 मई की रात इंडियन आर्मी की ओर से किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत पर कई हमले किए, जिसके बाद भारत ने भी अपनी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी. यह मामला इतना गंभीर हो चुका था कि भारत और पाकिस्तान के बीच एक और युद्ध की नौबत आ गई थी. इससे पहले पाकिस्तान चार बार भारत के साथ युद्ध लड़ चुका है और हर बार उसे हार का सामना करना पड़ा है.
भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे भीषण युद्ध कारगिल का था, जिसमें दोनों सेनाओं को बड़ा नुकसान हुआ था. कारगिल का नाम सामने आते ही पाकिस्तान आर्मी के तत्कालीन चीफ परवेज मुशर्रफ का नाम भी सबकी जुंबा पर आता है. उन्होंने अपने ही देश में न केवल तख्तापलट कर नवाज शरीफ की सरकार गिराई, बल्कि भारत और पाकिस्तान को एक युद्ध में भी झोंक दिया. चलिए जानते हैं पाकिस्तान के इस सबसे क्रूर आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ के बारे में…
भारत में हुआ था जन्म
पाकिस्तान के सबसे क्रूर आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त, 1943 में दिल्ली के दरियागंज में हुआ था. भारत विभाजन के बाद उनका परिवार कराची में शिफ्ट हो गया था. परवेज मुशर्रफ 1961 में पाकिस्तानी सेना में शामिल हुए थे. भारत के खिलाफ 1965 में परवेज मुशर्रफ पहली बार किसी जंग में शामिल हुए थे. इस जंग के बाद पाकिस्तानी सरकार द्वारा उन्हें वीरता का पुरस्कार भी दिया गया था. परवेज मुशर्रफ ने भारत के खिलाफ दूसरी जंग 1971 में लड़ी थी, हालांकि इस जंग में भी उसे मुंह की खानी पड़ी थी.
नवाज शरीफ को बिना बताए छेड़ी जंग
1997 में पाकिस्तान में हए चुनाव के बाद जब नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने तो परवेज मुशर्रफ की भी तरक्की हुई. 1998 में उन्हें जनरल का ओहदा मिला और वह पाकिस्तानी सेना के प्रमुख बनाए गए. हालांकि, सेना प्रमुख बनने के तुरंत बाद मुशर्रफ ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए और 1999 में नवाज शरीफ को बिना बताए, कारगिल में भारत के खिलाफ जंग छेड़ दी. भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 3 महीने तक हुई इस जंग में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद पाकिस्तान के अंदरूनी राजनीतिक हालात पूरी तरह बदल गए.
खुद पर खतरे से पहले ही किया तख्तापलट
परवेज मुशर्रफ की बिना तैयारी लड़ी गई जंग में हार के कारण पाकिस्तान की काफी बेज्जती हुई. आवाम भी सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री से नाराज थी. इसके बाद नवाज शरीफ ने परवेज मुशर्रफ को सेना प्रमुख के पद से हटाने का पूरा प्लान बना लिया था. नए आर्मी चीफ की तैनाती भी होने वाली थी, लेकिन इसकी भनक मुशर्रफ को लग गई और उन्होंने सेना के टॉप अफसरों को भरोसे में लेकर सरकार का तख्तापलट ही कर डाला और पाकिस्तान में सेना का शासन लागू हो गया. इसके बाद 2022 में हुए आम चुनावों में परवेज मुशर्रफ बहुमत से जीते, जिसके बाद वह लंबे समय तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे.
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[SAMACHAR]
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