[NEWS]
Waris Pathan On India-Pakistan Ceasefire: भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया. इस पर एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी को ट्रोल किया गया, अब कुछ लोग विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके परिवार को ट्रोल कर रहे हैं, गालियां दे रहे हैं, उनको अपना अकाउंट लॉक करना पड़ा. उन्होंने सरकार से मांग की कि इन ट्रोल्स के खिलाफ एक्शन लिया जाए.
इसके अलावा वारिस पठान ने बीजेपी प्रवक्ता अजय आलोक के बयान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “बीजेपी प्रवक्ता का कहना है ये युद्ध था ही नहीं, जब युद्ध था ही नहीं तो युद्धविराम क्यों?” साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बजाए प्रधानमंत्री या विदेश सचिव सीजफायर की घोषणा करते तो तो बेहतर होता.
bjp के प्रवक्ता का कहना है ये युद्ध था ही नहीं !
जब युद्ध था ही नहीं तो,,,
युद्धविराम ??डोनाल्ड ट्रम्प की बजाए प्रधानमंत्री या विदेश सचिव ceasefire डिक्लेअर करते तो बेहतर होता।
पहले कुछ RW ने शहीद नरवाल की पत्नी को ट्रोल किया अब कुछ विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार को… pic.twitter.com/P6LLUCbhyK
— Waris Pathan (@warispathan) May 11, 2025
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद 10 मई को संघर्ष विराम की घोषणा करने के बाद से विदेश सचिव विक्रम मिस्री ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए. इसके बाद तमाम नेता उनके समर्थन में नजर आए. इसी कड़ी में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की भी प्रतिक्रिया आई.
असदुद्दीन ओवैसी ने भी किया था विक्रम मिस्री का समर्थन
उन्होंने कहा, “विक्रम मिस्री एक सभ्य और ईमानदार मेहनती राजनयिक हैं, जो हमारे राष्ट्र के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं. हमारे सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं, यह याद रखना चाहिए और उन्हें कार्यपालिका या देश चलाने वाले किसी भी राजनीतिक नेतृत्व की ओर से लिए गए निर्णयों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए.”
विक्रम मिस्री को लेकर अखिलेश यादव ने क्या कहा था?
असदुद्दीन ओवैसी के अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके समर्थन में पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, “ये बेहद संवेदनशील, निंदनीय, शर्मनाक, आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश के एक बहुत बड़े अधिकारी और उसके परिवार के खिलाफ कुछ असामाजिक-आपराधिक तत्व सरेआम अपशब्दों की सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं.” उन्होंने कहा कि निर्णय तो सरकार का होता है, किसी अधिकारी का नहीं.
[SAMACHAR]
Source link