कुआं गोल ही क्यों होता है, चौकोर या तिकोना क्यों नहीं? ज्यादातर लोगों को नहीं पात होगा इसका कारण

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आपने गांवों में कुंआ तो जरूर देखा होगा, हालांकि आज के समय में तो हर घर में पानी भरने की व्यवस्था हो गई है लेकिन पहले ऐसा नहीं था. पहले के समय में हर गांव में एक कुंआ होता है और गांव वाले वहीं से पानी भरा करते थे. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया कि कुआं हमेशा गोल ही क्यों होता है? चौकोर, तिकोना या कोई और शेप का क्यों नहीं? आज हम इस सवाल का जवाब जानते हैं कि कुआं गोल क्यों बनाया जाता है।

कुआं गोल क्यों होता है?

गोल आकार प्राकृतिक रूप से दबाव को समान रूप से बांटता है. जब कुआं खोदा जाता है तो मिट्टी, पानी और आसपास की जमीन का दबाव कुएं की दीवारों पर पड़ता है. गोल आकार में यह दबाव हर बिंदु पर बराबर बंट जाता है, जिससे दीवारों के टूटने या ढहने का खतरा कम होता है. वहीं जब कुएं में पानी भरा जाता है तो चारों तरफ समान रूप से दवाब बड़ता है जिससे इसकी दीवारें मजबूर के साथ साथ टिकाऊ बनी रहती हैं. इसके साथ ही गोल आकार में खुदाई करना आसान होता है, क्योंकि इसमें एक समान दिशा में काम होता है. उदाहरण के लिए घर की दीवारों पर ड्रिलिंग की जाती है तो उसका शेप भी गोलाकार होता है. 

चौकोर या तिकोना क्यों नहीं होता कुआं

अगर कुएं का आकार तिकोना या चौकोर होगा तो दबाव बराबर रूप से नहीं पड़ता ऐसे में कुएं में दरारें आने की संभावना बढ़ जाती है. जिससे कुएं के टूटने की संभावना रहती है. यही वजह है कि कुएं को गोलाकार में बनाया जाता है जिससे उसमें भरने वाले पानी का प्रेशर हर तरफ बराबर रूप से पड़े

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[SAMACHAR]

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