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गृहमंत्री अमित शाह ने भी पुष्टि कर दी है कि ऑपरेशन महादेव के तहत श्रीनगर में मारे गए तीनों आतंकवादी पहलाम हमले में शामिल थे. सोमवार को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई थी, लेकिन सरकार या सेना की तरफ से आतंकियों की पहचान को लेकर कुछ भी नहीं बताया गया था. संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चल रही है. विपक्ष लगातार पहलगाम हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर सरकार को घेरने में लगा था. इस बीच अमित शाह ने मंगलवार (29 जुलाई, 2025) को ऑपरेशन महादेव पर संसद को विस्तृत जानकारी दी और बताया कि पहलगाम हमले का बदला ले लिया गया और पाकिस्तानी हमलावरों को भारतीय सेना ने ढेर कर दिया है.
अमित शाह ने यह भी बताया कि कैसे मारे गए आतंकियों की पहचान की गई कि पहलगाम में 26 बेकसूर पर्यटकों की हत्या करने वाले यही तीनों आतंकी थे. उन्होंने बताया कि चार से पांच राउंड में आतंकियों की पहचान सत्यापित की गई और आखिरी पुष्टि आज सुबह 4.46 बजे तब हुई जब उनके पास चंडीगढ़ से वैज्ञानिकों का फोन आया.
4-5 राउंड में आतंकियों की पहचान कैसे सत्यापित की गई?
अमित शाह ने कहा कि 4-5 राउंड में हर तरह से पुष्टि होने के बाद बताया गया कि मारे गए आतंकी ही पहलगाम हमले में शामिल थे. उन्होंने कहा, ‘एनआईए ने इन्हें आसरा देने वालों को अपनी हिरासत में रखा हुआ था और उनमें से चार लोगों ने यह पुष्टि की कि यही तीनों आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार हैं. हालांकि, हमने इस पर भरोसा नहीं किया और आतंकियों के पास से मिले कारतूसों का FSL पहले से कराया हुआ था. चंडीगढ़ एफएलएल से मिली बैलेस्टिक रिपोर्ट के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार थी. इन आतंकियों के पास से एम-9 अमेरिकन राइफल, 2 एके-47 मिली हैं और जो कारतूस पहलगाम हमले में इस्तेमाल हुए वो भी एम-9, एके-47 राइफल्स ही थीं. इस पर भी हम संतुष्ट नहीं हुए.’
वैज्ञानिकों ने भी की पुष्टि
अमित शाह ने कहा कि आतंकियों की पहचान स्थापित करने के लिए उनके पास से बरामद तीनों राइफल्स को श्रीनगर से विशेष विमान से चंडीगढ़ पहुंचाया गया और इन राइफल्स से पूरी रात फायरिंग करके इनके खोखे जनरेट किए गए. दोनों खोखों का मिलान किया यानी जो खोखे पहलगाम से मिले उनका और चंडीगढ़ में फायरिंग में निकले खोखों का मिलान किया गया. तब ये तय हो गया कि इन्हीं तीन राइफल्स से हमारे निर्दोष नागरिकों की हत्यी की गई थी.
आतंकियों के पास मिली वही गोलियां जो पहलगाम में चलाई गईं
अमित शाह ने संसद में कहा कि संशय रखने की जरूरत नहीं है. बैलेस्टिक रिपोर्ट उनके हाथ में है और 6 वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि की, क्रॉसचेक किया. सुबह 4 बजकर 46 मिनट पर वैज्ञानिकों ने फोन करके कहा कि 100 परसेंट वही गोलियां हैं जो पहलगाम में चलाई गई थीं.
ऑपरेशन महादेव पर अमित शाह ने दी विस्तृत जानकारी
अमित शाह ने संसद में कहा कि 22 मई को पहलगाम हमले से जुड़ा ह्युमन इंटेलिजेंस IB के पास आया था, जिससे जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में महादेव पहाड़ी के पास दाचीगाम क्षेत्र के अंदर आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. उनका सिग्नल कैप्चर करने के लिए हमारी एजेंसियों ने यंत्र बनाया, जिसके जरिए 22 मई से 22 जुलाई तक 60 दिनों में लगातार प्रयास किए गए.
उन्होंने बताया कि ठंड में ऊंचाइयों पर सेना के अधिकारी, आईबी, सीआरपीएफ के जवान घूमते रहे ताकि आतंकियों का सिग्नल कैप्चर किया जा सके. 22 जुलाई को इसमें कामयाबी मिली. जब आतंकियों के वहां होने की पुष्टि हो गई तो चार पैरा के जवान, सीआरपीएफ के जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने आतंकियों को घेरा. पांच ह्युमन एसेट्स भेजे गए और सोमवार को पहलगाम हमले के तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया.
[SAMACHAR]
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