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Sugarcane Cultivation News: गन्ने की खेती में एआई के इस्तेमाल से पानी की जरूरत के 50 प्रतिशत तक कम होने और प्रति एकड़ उत्पादन में करीब 30 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है. इस क्षेत्र के एक एक्सपर्ट्स ने बुधवार को यह बात कही. उल्लेखनीय है कि हाल ही में पुणे में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की उपस्थिति में एक बैठक हुई थी, जिसमें गन्ने की खेती में एआई के उपयोग पर चर्चा की गई थी.
महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी कारखाना संघ लिमिटेड के निदेशक जयप्रकाश दांडेगांवकर ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘ माइक्रोसॉफ्ट ने गन्ने की खेती के लिए एआई के इस्तेमाल पर लंबे समय से काम किया है और गन्ने के उत्पादन में 30 प्रतिशत की वृद्धि और पानी के इस्तेमाल को आधे तक कम करने का आश्वासन दिया है. इससे चीनी मिलों को लंबे समय (110 दिन से अधिक) तक चलाने में मदद मिलेगी और घाटा भी कम होगा.’’
नई तकनीक पर कितना खर्चा होगा?
उन्होंने कहा, महाराष्ट्र की 40 (23 सहकारी और 17 निजी) चीनी मिल, जिन पर वीएसआई का कोई ऋण बकाया नहीं है उन्हें इस परियोजना (गन्ने की खेती में एआई के उपयोग) में शामिल किया जाएगा. दांडेगांवकर ने बताया कि शुरुआत में एक किसान को 25,000 रुपए रुपये की जरूरत पड़ सकती है. यह प्रौद्योगिकी पूर्वानुमान, मृदा परीक्षण, सिंचाई अलर्ट, कीटनाशकों के इस्तेमाल को सीमित करने और मिट्टी की गुणवत्ता की सुरक्षा पर काम करेगी. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में गन्ने की पैदावार में कमी आई है.
कितनी हो रही गन्ने की पैदावार?
दांडेगांवकर ने कहा, ‘‘ कम बारिश के कारण राज्य में प्रति एकड़ उत्पादन घटकर 73 टन रह गया है. एआई के इस्तेमाल से हम निकट भविष्य में कम से कम 150 टन प्रति एकड़ उत्पादन तक पहुंच सकते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ किसानों को सिंचाई के लिए अपने खेतों में ड्रिप लगाने की जरूरत है. हम उम्मीद कर सकते हैं कि अगस्त के अंत तक या सितंबर के पहले सप्ताह तक इस तरह का पहला स्टेशन स्थापित एवं चालू हो जाएगा.’’
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