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7 crore 24 lakh voters 65 lakh names will deleted Final figures of SIR released in Bihar 7.24 करोड़ वोटर, 65 लाख के कटेंगे नाम; बिहार में एसआईआर के फाइनल आंकड़े जारी, Bihar Hindi News

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बिहार में एसआईआर के पहले चरण के आंकडे़ चुनाव आयोग ने जारी कर दिए हैं। जिसके मुताबिक राज्य में कुल वोटर 7.24 करोड़ हैं। वहीं 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कट सकते हैं। 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक पात्र मतदाता, जिनके नाम छूट गए हों, उन्हें ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल करने का मौका मिलेगा।

बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण के अंतिम आंकड़े चुनाव आयोग ने जारी कर दिए हैं। जिसके मुताबिक राज्य में वोटर लिस्ट रिवीजन में 7.24 करोड़ मतदाता है। वहीं 65 लाख वोटर्स के नाम हटाए गए हैं। जिसमें ऐसे लोग शामिल हैं, जो मृत, विस्थापित और दूसरी जगह स्थासी प्रवास पर हैं। आयोग की तरफ से बताया गया कि 24 जून 2025 तक बिहार में 7.89 करोड़ मतदाता थे। 65 लाख जिन वोटर के नाम कटेंगे उनमें 22 लाख की मौत हो चुकी है, 36 लाख विस्थापित हैं और 7 लाख दूसरे स्थान पर स्थायी प्रवास कर रहे हैं।

आयोग ने कहा कि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक पात्र मतदाता, जिनके नाम छूट गए हों, उन्हें ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल करने का मौका मिलेगा। मतदाता सूची में कई स्थानों पर नामांकित पाए गए मतदाताओं का नाम केवल एक ही स्थान पर रखा जाएगा। चुनाव आयोग ने एसआईआर के पहले चरण के सफल समापन का श्रेय बिहार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सभी 38 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, 243 ईआरओ, 2,976 एईआरओ, 77895 मतदान केंद्रों पर तैनात बीएलओ, लाखों स्वयंसेवकों और सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के क्षेत्रीय प्रतिनिधियों, जिनमें 1.60 लाख बीएलए को दिया है। एसआईआर अवधि के दौरान बीएलए की कुल संख्या में 16% से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

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आयोग ने बताया कि बिहार में एसआईआर की शुरुआत 24 जून 2025 को हुई। इसका उद्देश्य मतदाता सूची से मृत, स्थानांतरित, और दोहरे पंजीकरण वाले मतदाताओं के नाम हटाना तथा पात्र मतदाताओं को शामिल करना है। इस प्रक्रिया के तहत, बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) और बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) ने घर-घर जाकर मतदाताओं से गणना फॉर्म एकत्र किए। आयोग ने 25 जुलाई तक इस प्रक्रिया के पहले चरण को लगभग पूरा कर लिया, जिसमें 99.8 फीसदी मतदाताओं को कवर किया गया है।

एसआईआर का उद्देश्य सभी मतदाताओं और सभी राजनीतिक दलों की भागीदारी हो, बिहार में कोई भी पात्र मतदाता न छूटे, बिहार का कोई भी अस्थायी प्रवासी पीछे न छूटे, राज्य का कोई भी शहरी और युवा मतदाता न छूटे, साथ ही बिना किसी स्पष्ट आदेश के ड्राफ्ट मतदाता सूची से नाम न हटाया जाए शामिल है।

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