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अगर आपको खाने में अंडा पसंद है तो हो सकता है कि आपने कभी न कभी सफ़ेद बनाम ब्राउन या भूरे अंडे की बहस के बारे में ज़रूर सुना होगा.
दोनों की तुलना करते हुए अक्सर लोग सवाल खड़ा करते हैं कि सफ़ेद या ब्राउन, कौन सा अंडा ज़्यादा पौष्टिक होता है?
ब्राउन अंडे बाज़ार में आमतौर पर सफे़द अंडों से महंगे मिलते हैं इसलिए भी यह सवाल लोगों के सामने एक पहेली बनकर सामने आता है.
कई लोगों की धारणा है कि ब्राउन अंडे प्राकृतिक या ऑर्गेनिक होते हैं और इसलिए सफे़द अंडों से ज़्यादा पौष्टिक होते हैं जबकि कई लोग इसे स्वाद से भी जोड़कर देखते हैं.
ऐसे लोगों का मानना होता है कि ब्राउन अंडों का स्वाद गाढ़ा और बेहतर होता है या वे स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभकारी हैं.
ये कुछ ऐसे बुनियादी बिंदु हैं जिनके कारण इन दो रंगों के अंडों की तुलना होती है लेकिन इन दावों में कितना दम है?
अंडे का रंग किस पर निर्भर करता है?
बाज़ार में ब्राउन और सफे़द अंडे दोनों आसानी से उपलब्ध हैं, लेकिन यह सवाल ज़रूरी है कि आख़िर इनका रंग क्यों अलग होता है? क्या इसका मतलब है कि इनमें पोषण का भी फ़र्क़ है?
जानकारों की मानें तो अंडे के छिलके का रंग केवल मुर्ग़ी की नस्ल पर निर्भर करता है.
अमेरिकी मैग़जीन ‘फ़ूड एंड वाइन’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़, आम तौर पर सफे़द पंख और सफे़द कान वाली मुर्ग़ियां सफे़द अंडे देती हैं, जबकि लाल पंख और लाल कान वाली नस्लें ब्राउन अंडे देती हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ मैरीलैंड के पोल्ट्री विशेषज्ञ और एक्सटेंशन स्पेशलिस्ट डॉ. जोनाथन मॉयल के अनुसार, “छिलके का रंग नस्ल तय करती है. यह पूरी तरह जेनेटिक यानी आनुवंशिक होता है.”
यूसी डेविस यूनिवर्सिटी के पोल्ट्री शोधकर्ता डॉ. रिचर्ड ब्लैचफोर्ड बताते हैं, “ज़्यादातर अंडों का ‘बेस कलर’ यानी मूल रंग सफे़द होता है. लेकिन जब अंडा मुर्ग़ी के प्रजनन तंत्र से होकर गुज़रता है, तो कुछ नस्लें उस पर पिगमेंट की परत जमा कर देती हैं, जिससे अंडे के छिलके का रंग बदल जाता है.”
यानी अंडे की बाहरी रंगत मुर्ग़ी के जेनेटिक गुणों से तय होती है. इसके अलावा कुछ नस्लों की मुर्ग़ियां नीले या हरे रंग के अंडे भी देती हैं, लेकिन यह भी केवल उनकी जेनेटिक संरचना की वजह से होता है.
क्या ब्राउन अंडे ज़्यादा पौष्टिक होते हैं?
अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) का कहना है कि पोषण के स्तर पर ब्राउन और व्हाइट एग में कोई ख़ास अंतर नहीं होता है.
स्वास्थ्य संबंधी मामलों की जानकारी देने वाली वेबसाइट मेडिकल न्यूज़ टुडे के मुताबिक़, “दोनों रंगों के अंडों में प्रोटीन, विटामिन (ए, डी, बी12) और खनिज लगभग बराबर मात्रा में मौजूद होते हैं. हालांकि, फ़्री-रेंज (खुले में घूमने वाली मुर्ग़ियों के अंडे) और ओमेगा‑3 से भरपूर अंडों में विटामिन डी और ओमेगा‑3 फ़ैटी एसिड की मात्रा ज़्यादा हो सकती है.”
यूएसडीए का कहना है कि सामान्य से बड़े अंडों में लगभग 90 कैलोरी और 8 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि मीडियम अंडों में क़रीब 60 कैलोरी और 6 ग्राम प्रोटीन होता है.
ब्राउन अंडे महंगे क्यों होते हैं?
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अगर दोनों अंडों में मौजूद पोषक तत्व लगभग एक समान हैं तो ब्राउन अंडा सफे़द अंडे की तुलना में थोड़ा महंगा क्यों मिलता है?
डाइटीशियन अनु अग्रवाल इसके पीछे दो प्रमुख कारण बताती हैं.
उनके मुताबिक़, “पहला कारण यह है कि बाज़ार में ब्राउन अंडे व्हाइट अंडों की तुलना में कम मिलते हैं. दूसरा कारण यह है कि ब्राउन अंडे देने वाली मुर्ग़ियों की नस्ल बड़ी होती है और उन्हें ज़्यादा खाना चाहिए होता है. यानी उत्पादन लागत बढ़ने से इनकी क़ीमत भी ज़्यादा हो जाती है.”
यूएसडीए भी इस बात से सहमत है कि ब्राउन अंडे देने वाली मुर्ग़ियाँ ज़्यादा खाना खाती हैं इसलिए यह बाज़ार में महंगा बिकता है.
क्या स्वाद में भी अंतर होता है?
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कुछ लोग कहते हैं कि ब्राउन अंडों का स्वाद अलग होता है जबकि इससे इतर कुछ लोग सफ़ेद अंडे को प्राथमिकता देते हैं.
अमेरिकी मीडिया संस्थान हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट बताती है कि ‘पोषण सामग्री की तरह व्हाइट और ब्राउन एग के स्वाद में कोई विशेष अंतर नहीं होता है. हालाँकि, इसका यह मतलब नहीं है कि सभी अंडों का स्वाद एक जैसा होता है.’
रिपोर्ट के मुताबिक़, “मुर्ग़ी की नस्ल, दाने का प्रकार, अंडे की ताज़गी और पकाने की विधि समेत दूसरे कारक अंडे के स्वाद को प्रभावित करते हैं. घर पर पाली गई मुर्ग़ी का आहार पारंपरिक रूप से पाली गई मुर्ग़ी के आहार के समान नहीं होता, जिससे अंडे का स्वाद भी प्रभावित हो सकता है.”
कौन सा अंडा चुनें?
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कई बार लोग यह दावा भी करते हैं कि सफे़द अंडे की तुलना में ब्राउन एग ऑर्गेनिक होता है.
हालांकि, अमेरिकी एग बोर्ड में कम्युनिकेशन डायरेक्टर मार्क ड्रेस्नर इस दावे का खंडन करते हैं.
उनका कहना है, “ब्राउन अंडों को ज़्यादा हेल्दी या ‘नेचुरल’ माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है. सभी अंडे हेल्थी होते हैं. ऑर्गेनिक अंडे सफे़द और ब्राउन दोनों हो सकते हैं, लेकिन यह सोचना ग़लत है कि सभी ब्राउन अंडे ऑर्गेनिक होते हैं.”
कुल मिलाकर रंग पर फ़ोकस करने की जगह अंडे ख़रीदते समय लोगों को उनकी ताज़गी और क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा अंडे ख़रीदते समय ये बातें ध्यान में रखें:
- साफ़ और बिना टूटे हुए छिलके वाले अंडे चुनें.
- एक्सपायरी डेट वाले अंडे न ख़रीदें.
- अपनी ज़रूरत और बजट के हिसाब से सही साइज़ के अंडे चुनें.
- ख़रीदने के बाद अंडे तुरंत फ्रिज में रख दें.
- अंडा चुनते समय उसकी ताज़गी और स्रोत को प्राथमिकता दें.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
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