राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ‘वॉयस ऑफ़ अमेरिका’ को ‘साइलेंट’ करने का आदेश, 1300 नौकरियां जाएंगी
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘वॉयस ऑफ़ अमेरिका’ की फंडिंग में व्यापक कटौती करने वाले एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं.
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा है कि ये आदेश ये सुनिश्चित करेगा कि टैक्सपेयर्स को ‘रेडिकल प्रोपेगेंडा’ के लिए अब पैसे ख़र्च करने की ज़रूरत नहीं है.
इस आदेश में उन नेताओं और दक्षिणपंथी मीडिया के बयानों को भी जगह दी गई है जो इस ब्रॉडकास्टर की पहले भी आलोचना करते रहे हैं.
‘वॉयस ऑफ़ अमेरिका’ मुख्य तौर पर एक रेडियो सेवा है. इसकी स्थापना द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान नाज़ी प्रोपेगेंडा (झूठा प्रचार) से लड़ने के मकसद से की गई थी.
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इस प्रसारणकर्ता का कहना है कि मौजूदा समय में भी करोड़ों लोग वॉयस ऑफ़ अमेरिका सुनते हैं.
वॉयस ऑफ़ अमेरिका (वीओए) के डायरेक्टर माइक अब्रामोटिज़ का कहना है कि वो और उनके लगभग 1,300 कर्मचारियों को पेड लीव पर भेज दिया गया है.
अब्रामोटिज़ का कहना है कि इस आदेश के बाद वॉयस ऑफ़ अमेरिका ऐसे समय में अपने कार्यक्रमों को प्रसारित नहीं कर पाएगा जब इसकी सख़्त ज़रूरत है.
उन्होंने कहा, “ऐसे समय जब अमेरिका के शत्रु ईरान, चीन और रूस जैसे देश अमेरिका के ख़िलाफ प्रोपेगेंडा गढ़ने में करोड़ों डॉलर खर्च कर रहे हैं तब हमारे प्रोग्राम प्रसारित नहीं हो पाएंगे.”
अमेरिकी पत्रकारों के बड़े समूह ‘नेशनल प्रेस क्लब’ ने कहा कि ये आदेश अमेरिका की स्वतंत्र प्रेस की लंबे समय की प्रतिबद्धता को झटका पहुंचाने वाला है.
बयान में कहा गया है, “ये सिर्फ़ कर्मचारियों की कटौती की ही बात नहीं है बल्कि पूरी संस्था को ही टुकड़ों-टुकड़ों में तोड़ा जा रहा है. ये एक अहम बदलाव है जो वॉयस ऑफ़ अमेरिका में स्वतंत्र पत्रकारिता के भविष्य को ख़तरे में डालता है.”
राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश में वॉयस ऑफ़ अमेरिका की पैरेंट कंपनी यूएस एजेंसी फ़ॉर ग्लोबल मीडिया (यूएसएजीएम) को निशाना बनाया गया है. यूएसएजीएम गैर लाभकारी संस्थाओं जैसे रेडियो फ़्री यूरोप और रेडियो फ़्री एशिया को भी फंड करता है, इनका गठन मुख़्य तौर पर कम्युनिज़्म के ख़िलाफ़ किया गया था.
आदेश में प्रबंधकों को कहा गया है कि वो अपने काम घटा लें और न्यूनतम स्तर पर उतनी ही उपस्थिति रखें जितना क़ानून के हिसाब से ज़रूरत है.
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अमेरिका में बीबीसी के पार्टनर सीबीएस ने बताया कि यूएसएजीएम के एचआर डायरेक्टर क्रिस्टल थॉमस ने एक ईमेल के जरिए वीओए के कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी.
सीबीएस को एक सूत्र ने बताया कि सभी फ़्रीलांस कर्मियों और अंतरराष्ट्रीय कॉन्ट्रैक्टर्स को कहा गया है कि अब संस्था के पास भुगतान करने के लिए फंड नहीं है.
यूएसएजीएम के अंदर आने वाली संस्था वीओए समेत अन्य का कहना है कि उनके पास 40 करोड़ से ज़्यादा श्रोता हैं और ये ब्रिटिश सरकार द्वारा फंडेड बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के बराबर हैं.
चेक रिपब्लिक के विदेश मंत्री जान लिपावस्की ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूरोपीय यूनियन रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी को प्राग में संचालन में मदद कर सकती है.
उन्होंने कहा कि सोमवार को होने वाली बैठक में वो यूरोपीय विदेश मंत्रियों से कहेंगे कि कम से कम आंशिक तौर पर ऑपरेशन्स जारी रखने का रास्ता निकाला जाए.
वहीं, अरबपति और ट्रंप के शीर्ष सलाहकार एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीओए को बंद करने की मांग की थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने और भी संघीय एजेंसियों की फंड में कटौती की है इनमें लोगों के बेघर होने को रोकने, म्यूजियम और लाइब्रेरी की फ़ंडिंग में कटौती शामिल है.
ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में भी वीओए की कड़ी आलोचना करते थे.
हाल में उन्होंने अपने बेहद क़रीबी कैरी लेक को यूएसएजीएम का विशेष सलाहकार बनाया था. राष्ट्रपति नियमित तौर पर ये कहते हैं कि मुख्यधारा के मीडिया आउटलेट्स उनके ख़िलाफ़ पूर्वाग्रहों से भरे हैं.
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वॉयस ऑफ़ अमेरिका की शुरुआत 1942 में नाज़ी और जापानी प्रोपेगेंडा से लड़ने के मकसद से हुई थी.
इसका पहला प्रसारण बीबीसी द्वारा अमेरिका को दिए ट्रांसमीटर से किया गया था. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति गेराल्ड फ़ोर्ड ने वीओए के पब्लिक चार्टर पर 1976 में हस्ताक्षर करते हुए इसकी संपादकीय आज़ादी सुनिश्चित की थी.
1994 में ब्रॉडकास्टिंग बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स गठित की गई और ये इंटरनेट पर लगातार प्रोग्राम अपडेट करते रहने वाला पहला ब्रॉडकास्ट न्यूज़ ऑर्गेनाइजेशन बन गया.
2013 में क़ानून में बदलाव के बाद वीओए और उसके सहयोगियों को अमेरिका में प्रसारण की अनुमति मिल गई.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित