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यूपी-हरियाणा सीमा विवाद पर विराम, लगेंगे पिलर

Greater Noida news : जिला प्रशासन की ओर से हरियाणा की सीमा पर पिलर लगाने के स्थानों को चिह्नित कर लिया गया। जल्द ही पिलर लगाने का काम शुरू होगा। कुल 501 पिलर लगेंगे। इनमें से 101 पिलर यमुना नदी के अंदर और किनारे पर लगेंगे। बाकी नदी के बाहर लगेंगे।

सीमा पर अक्सर हो जाता था विवाद

वहीं, हरियाणा भी सीमा पर 501 पिलर लगाएगा। इस तरह कुल मिलाकर 1002 पिलर लगेंगे। इनमें यूपी के पिलर को ईवन और हरियाणा के पिलर को आॅड नंबर दिया जाएगा। चंडीगढ़ हाईकोर्ट के आदेश पर पिलर लगाने का यह काम चार अगस्त तक पूरा करना होगा। पिलर लगने के बाद सीमा के विवादों पर लगाम लगेगी। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा पर अक्सर सीमा विवाद होता है। हरियाणा के किसान अपनी और यूपी के किसान अपनी जमीन होने का दावा करते हैं। यूपी के कई किसानों ने चंडीगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई कर सर्व आॅफ डियाको सीमांकन कर पिलर लगाने का आदेश दिया। Greater Noida news

गौतमबुद्धनगर में भी पिलर लगाने की कार्रवाई शुरू

हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों की सरकार को खर्च की 50-50 प्रतिशत धनराशि देने का आदेश भी दिया। यूपी के सहारनपुर से अलीगढ़ तक दोनों राज्यों की सीमा का सीमांकन होना है। वर्ष 2023 में हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। अब गौतमबुद्धनगर में भी पिलर लगाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। अफसरों ने बताया कि नोएडा से लेकर जेवर के झुप्पा तक हरियाणा की सीमा है। जिले के 24 गांव फरीदाबाद व आठ गांव पलवल की सीमा से लगते हैं। पिलर प्वाइंट को चिह्नित करने का काम लगभग पूरा हो गया है। इसी माह पिलर लगाने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। जो पीडब्ल्यूडी करेगी। अफसरों ने बताया कि गौतमबुद्धनगर में हरियाणा की सीमा पर पिलर लगेंगे। जो वर्ष 1975 की दीक्षित अवार्ड रेखा पर ही लगाए जाएंगे। 501 में से 400 पिलर बाउंड्री पिलर हैं, जो नदी के बाहर लगेंगे। जबकि 101 रेफरेंस, मैन व सब-रेफरेंस पिलर लगाए जाएंगे जो नदी के अंदर या किनारे पर लगेंगे। Greater Noida news

सेटेलाइट से जुड़ेंगे सभी पिलर

जिले में करीब 65 किमी की सीमा हरियाणा से लगी है। अफसरों ने बताया कि हरियाणा सरकार भी जिले की सीमा पर 501 पिलर लगाएगी। उनके पिलर के नंबर आॅड संख्या से शुरू होंगे। जबकि जिले के पिलर के नंबर ईवन होंगे। सेटेलाइट से जुड़ेंगे सभी पिलर। अपर जिलाधिकारी न्यायिक भैरपाल सिंह ने बताया कि पूर्व में भी पिलर लगाए गए थे, लेकिन सर्वे आॅफ इंडिया की टीम उनको दस्तावेजों में दर्ज नहीं कर सकी। अब सभी पिलर सेटेलाइट से जोड़े जाएंगे। अगर पिलर को उखाड़ दिया जाता है तो सेटेलाइट की मदद से पिलर की निशानदेही कर ली जाएगी। Greater Noida news

कुछ पिलर बाढ़ में बहे, कुछ भूमाफिया ने उखाड़े

दोनों राज्यों की सीमा पर पिलर लगाने का काम पूर्व में भी हो चुका है, लेकिन ज्यादातर पिलर अपनी जगह से गायब हैं। कुछ पिलर बाढ़ में बह गए जबकि कुछ को भूमाफिया ने उखाड़ दिया। वहीं, कुछ पिलर किसानों ने भी उखाड़ दिए। इससे सीमा विवाद फिर बढ़ गए। सीमा विवाद को देखते हुए 32 गांवों की जमीन का सर्वे भी किया जा रहा है। जिसमें जमीन पर मालिकाना हक तय किया जाएगा। उसका काम भी तेजी से चल रहा है। Greater Noida news

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