UP News : उत्तर प्रदेश में विकास की बयार ने कई शहरों को दिल्ली और मुंबई की तरह आधुनिकता और संसाधनों से सुसज्जित कर दिया है। नोएडा और गाजियाबाद जैसे जिले आज देश के सबसे तेजी से आगे बढ़ते शहरी क्षेत्रों में गिने जाते हैं, जहां निवेशकों की लाइनें लगी हैं, और आमजन को रोजगार और मूलभूत सुविधाएं सहजता से उपलब्ध हो रही हैं।
ऐसा जिला जहां आज भी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे लोग
लेकिन इस विकास की चमक के पीछे एक स्याह सच भी है उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला जहां आज भी लोग दो वक्त की रोटी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह जिला है बहराइच, जिसे नीति आयोग की बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट (जुलाई 2023) में उत्तर प्रदेश का सबसे गरीब जिला घोषित किया गया है। UP News
बहराइच : आंकड़े जो सोचने पर मजबूर करते हैं
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, बहराइच में गरीबी दर 55% दर्ज की गई है। यानी हर दो में से एक व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा है। हालांकि राहत की बात यह है कि 2016 में यही आंकड़ा 72% था, जिसमें अब सुधार दिखा है। लेकिन यह सुधार तब भी इस जिले को प्रदेश के सबसे वंचित जिलों की सूची से बाहर नहीं कर सका। UP News
विकास की दो अलग तस्वीरें
जब एक तरफ नोएडा में बहुमंजिला इमारतें, मेट्रो लाइनें, स्टार्टअप हब और अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ बहराइच में आज भी सड़कों की हालत जर्जर है, ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य केंद्रों का घोर अभाव है, और शिक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। न तो पर्याप्त औद्योगिकीकरण हुआ है, और न ही कृषि के अलावा कोई वैकल्पिक रोजगार विकल्प विकसित हो पाया है। UP News
ऐतिहासिक विरासत, लेकिन वर्तमान उपेक्षित
बहराइच केवल एक गरीब जिला नहीं है, यह इतिहास की धरोहर भी है। मौर्यकाल से लेकर मुगलों, नवाबों और ब्रिटिश शासन तक, यह जिला ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। भगवान बुद्ध की यात्राओं से लेकर महाराजा सुहेलदेव और गाजी सैयद सालार मसूद गाजी के बीच ऐतिहासिक युद्ध तक, यह जिÞला अतीत में गौरव की मिसाल रहा है। लेकिन दुर्भाग्यवश, आज का बहराइच उस ऐतिहासिक गरिमा के समानांतर विकास नहीं देख पाया। UP News
प्रशासन और नीति निर्माताओं के लिए चेतावनी
बहराइच की स्थिति उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के लिए एक चेतावनी है कि केवल मेट्रो शहरों में निवेश और योजनाएं चलाने से प्रदेश का संतुलित विकास नहीं होगा। जरूरत है कि बहराइच जैसे जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाए। वहां शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वरोजगार के क्षेत्र में विशेष योजनाएं लागू हों। विकास की असली परिभाषा तभी सार्थक होगी जब हर जिले के नागरिक को समान अवसर और सुविधाएं मिलें। उत्तर प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है, लेकिन इस दिल की नब्ज तब तक नहीं थमेगी जब तक इसके हर कोने में विकास की रोशनी न पहुंचे। नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहरों की चमक को कायम रखते हुए हमें बहराइच जैसे जिलों की ओर भी गंभीरता से देखना होगा क्योंकि वास्तविक प्रगति तब होती है जब आखिरी व्यक्ति भी तरक्की की कतार में खड़ा हो। UP News
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