UP News : उत्तर प्रदेश की सड़कों का जाल अब और भी मजबूत होने जा रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए सरकार ने 92 किलोमीटर लंबे नए लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की तैयारी शुरू कर दी है। यह नया कॉरिडोर मैनपुरी जिले की भोगांव तहसील के 11 गांवों से होकर गुजरेगा। इस परियोजना से जुड़े करीब 500 किसानों की जमीन का मूल्य कई गुना बढ़ने की संभावना है।
कनेक्टिविटी को मिलेगा नया आयाम
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीआईडीए) द्वारा संचालित यह लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना राज्य की दो प्रमुख हाइवे परियोजनाओं गंगा और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को जोड़ने का काम करेगी। इस कनेक्टिविटी के बाद लंबी दूरी की यात्रा और माल ढुलाई में उल्लेखनीय सुविधा और गति आएगी। UP News
11 गांवों में तेजी से जुटाया जा रहा भूमि का ब्योरा
इस परियोजना के लिए मैनपुरी की भोगांव तहसील के जिन 11 गांवों से होकर यह लिंक रोड निकलेगा, वहां गाटा नंबर वार भूमि विवरण और सत्यापन का कार्य जोरों पर चल रहा है। लेखपालों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे एक सप्ताह के भीतर किसानों की जमीन का स्पष्ट रिकॉर्ड यूपीडा को उपलब्ध कराएं। प्रभावित गांवों के नाम हैं मुड़ई, दुर्जनपुर, हाजीपुर बरा, बहदीनपुर, अकबरपुर बिकू, छबीलेपुर, चनेपुर, हुसैनपुर, घूमसपुर, कमालपुर महमूदिया और रामनगरिया। UP News
किसानों के लिए सौदा फायदेमंद!
इस परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शिता से की जा रही है। यूपीडा के सूत्रों के अनुसार, किसानों को उनके भू-खंड के लिए बाजार मूल्य से बेहतर दर मिलने की उम्मीद है। इसका सीधा लाभ स्थानीय किसानों को होगा, जिनकी कृषि भूमि अब प्रशासनिक और व्यावसायिक महत्व की जमीन में तब्दील होने वाली है। UP News
हमारी जमीनों की कीमत ज्यादा मिलनी चाहिए
एक किसान नेता ने बताया कि हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि जमीन की दर गौतमबुद्ध नगर की तरह 4,000 से अधिक प्रति वर्ग मीटर होनी चाहिए। हमारी जमीन एक्सप्रेसवे जैसी मेगा परियोजना के लिए ली जा रही है, इसलिए उसका मूल्य भी उतना ही होना चाहिए। भोगांव के एसडीएम के अनुसार गाटा विवरण का काम अंतिम चरण में है। जैसे ही रिपोर्ट यूपीडा को सौंपी जाएगी, जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और जल्द ही निर्माण कार्य भी प्रारंभ होगा। UP News
इस परियोजना से क्या बदलेगा?
यातायात में सुधार होगा, मेरठ से प्रयागराज और आगरा तक यात्रा सुगम और समयबद्ध होगी। जमीन का मूल्य कई गुना बढ़ेगा और किसानों के जीवन स्तर में सुधार होगा। इससे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। एक्सप्रेसवे के साथ नए लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउस और छोटे उद्योग विकसित होंगे। गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली यह लिंक परियोजना केवल एक सड़कीय प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि गांव से शहर और खेत से बाजार को जोड़ने की क्रांतिकारी योजना है। यदि भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की प्रक्रिया समय पर और पारदर्शिता से हो, तो यह परियोजना उन्नत उत्तर प्रदेश का मजबूत स्तंभ बन सकती है। UP News
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