Greater Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की 85वीं बोर्ड बैठक में गे्रटर नोएडा के पास जेवर में बन रहे जेवर एयरपोर्ट (नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट) के आसपास विकास को लेकर कई बड़े फैसले किए गए हैं। यीडा की बोर्ड बैठक में फैसला लिया गया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अंतर्गत 1000 वर्गमीटर में एक पुलिस थाने की स्थापना की जाएगी।
यीडा की बैठक में कई बड़े फैसले
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की बुधवार दोपहर 85वीं बोर्ड बैठक हुई। इस बोर्ड बैठक की अध्यक्षता यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष आलोक कुमार ने की। यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरूण वीर सिंह ने बोर्ड बैठक में 54 प्रस्ताव रखे। यीडा की बोर्ड बैठक में गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ACEO व अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। यीडा की 85वीं बोर्ड बैठक में लिए गए अहम निर्णयों को लेकर एक प्रेस नोट जारी किया गया है जिसे हम नीचे प्रकाशित कर रहे हैं।
1. यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र में बन रहे नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के अन्तर्गत 1000 वर्गमीटर में एक पुलिस थाने की स्थापना की जायेगी। कार्य की आवश्यकता के दृष्टगत एफ.ए.आर. 2.5 ग्राउण्ड कवरेज 60 प्रतिशत व ऊंचाई 24 मीटर किये जाने का निर्णय लिया गया है।
2. यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र में महायोजना 2041 के रिकयेशन सैक्टरों में Regulatory Framework And Permissible Use for Recreational Greens at YEIDA हेतु तैयार रिपोर्ट प्राधिकरण बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत की गयी। साथ ही सर्वप्रथम सैक्टर-22एफ 700 एकड़ व 23बी 500 एकड़ जोकि यमुना एक्सप्रेसवे से लगे हुये रिकयेशन ग्रीन सैक्टर है, इन सैक्टरों में Golf Course, Gymkhana Club and Yamuna Haat जैसे कोर एक्टिविटी की योजना लायी जानी प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त Kingdom of Dreams, Olympic Village, Imagicaa Theme Park, Aviation Museum, Oxford Golf Course, Delhi Gymkhana Club, Oxford Gold Resort, Dilli Haat, Cubbon Park जैसी योजनायें भी प्रस्तावित की गयीं हैं। बोर्ड द्वारा इस पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गयी तथा परियोजना PPP मोड पर करने हेतु Terms & Condition बनाने का निर्देश दिया गया।
3. यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र 6 जिलों यथा जिला गौतमबुद्ध नगर, बुलन्दशहर, अलीगढ, हाथरस मथुरा एवं आगरा के 1149 राजस्व ग्रामों में विस्तारित है। जनपद गौतमबुद्ध नगर व बुलन्दशहर महायोजना 2041 के अन्तर्गत आता है। जबकि अन्य चारों जिले प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में फेज-2 क्षेत्र कहलाते हैं। जिसमें प्रत्येक जनपद के अन्तर्गत एक अर्बन सेन्टर प्रास्तावित है। अर्बन सेंटर के बाहर पडने वाले कृषि भूउपयोग व ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में विभिन्न आवश्यक कियाओं के विकास हेतु महायोजना-2031 फेज-2 (संपूर्ण क्षेत्र / रीजनल लेवल योजना) तैयार की गयी है। अनुमोदित महायोजना की अध्याय – 06 में कृषि भूउपयोग व ग्रामीण आबादी क्षेत्र में अनुमन्य है क्रियाओं के विकास हेतु प्राविधान है। जिसमें ग्रामीण आबादी के 200 मीटर की त्रिज्या में Residential house, Public/Institutional facilities, आवश्यक कमर्शियल एक्टिविटी आदि की अनुमन्यता का उल्लेख है। जनपद अलीगढ, मथुरा, हाथरस, एवं आगरा के अधिसूचित क्षेत्र अर्थात महोयोजना फेज-02 क्षेत्र में उपरोक्त संदर्भित कियाओं के विकास हेतु आवेदन प्राप्ति, आवेदन का परीक्षण एवं अनुमन्यता प्रदान किये जाने हेतु निम्न प्रक्रिया को अपनाये जाने पर विचार किया जा सकता है।
आवेदन प्राप्तिः महायोजना फेज-02 के अन्तर्गत उपरोक्त संदर्भित सभी कियाओं के निर्माण के लिये इच्छुक आवेदक द्वारा मुख्य कार्यपालक अधिकारी के समक्ष निम्न दस्तावेज व मानचित्र के साथ आवेदन किया जायेगा।
आवेदन के साथ आवेदक द्वारा स्वामित्व के दस्तावेज भी प्रस्तुत किये जायेंगे।
आवेदन के साथ मानचित्र जिसमें आवेदित भूमि/भूखण्ड की सीमा रेखा और भूखण्ड से लगी हुई संपत्ति और मार्ग का नाम, चौड़ाई और संख्या स्पष्ट रूप से उल्लेखित होगी, उपलब्ध कराया जायेगां
मानचित्र में किया के विकास हेतु स्थल के कॉर्डीनेट का स्पष्ट विवरण उपलब्ध होगा व मानचित्र में भवन विनियमावली के अनुसार अन्य आवश्यक बिन्दुओं जैसे-भवन की कुल ऊंचाई, सैटबैक, ग्राउण्ड कवरेज, एफ०ए०आर० आदि का स्पष्ट विवरण अंकित किया जायेगा।
मानचित्र में प्रयुक्त पैमाना उत्तरी बिन्दुओं की दिशा एवं जलापूर्ति, ड्रेनेज, सीवरेज की व्यवस्था तथा सॉलिड वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था का भी उल्लेख किया जायेगा।
उपरोक्त दस्तावेजों का परीक्षण गठित समिति द्वारा करते हुये समिति की संस्तुति प्रस्ताव मुख्य कार्यपालक अधिकारी के समक्ष अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किये जायेगें।
यह अनुमति Urban Node के अनुमोदित Plan के अन्दर नहीं दी जायेगी और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के Buffer Zone/Region के 05 किमी के बाहर के दायरे में ही नियमानुसार अनुमन्य होगी।
4. यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र के रौक्टर 10 में भारत सरकार के इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रोनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (EMC 2.0) का अनुमोदन प्रदान किया गया है। इस परियोजना पर आने वाले खर्च में से करीब 144,48 करोड का भुगतान भारत सरकार द्वारा Central Financial Assistance from MeitY से किया जायेगा, यीडा द्वारा इस परियोजना के अवस्थापना विकास पर करीब 341 करोड रूपये का व्यय किया जायेगा। विकास पर इस हेतु प्राधिकरण द्वारा सैक्टर में 200 एकड़ भूमि चयनित की गयी है। यीडा द्वारा ईएमसी पार्क में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ-साथ सुविधायें जैसे रेडी बिल्ट फैक्टरी, कन्वेंशन सेंटर, हॉस्टल, व्यवसायिक केन्द्र, कौशल विकास केन्द्र आदि की स्थापना भी की जायेगी। इस हेतु मै० हैवल्स इण्डिया लि. का 50 एकड भूमि का आवंटन भी कर दिया गया है जोकि इस ईएमसी 2.0 में एंकर यूनिट के रूप में स्थापित होगी।
5. यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र के सैक्टर-18 व सैक्टर-32 में 7485 वर्गमीटर के दो भूखण्डों में अग्नि शमन केंद्र (Fire Station) की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस हेतु अग्नि शमन विभाग को यह दोनों भूखण्ड लगभग निःशुल्क अर्थात सांकेतिक रूपये 01 प्रति वर्गमीटर की दर से आवंटित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
6. प्राधिकरण द्वारा मै० मदर डेयरी फूट एण्ड वेजीटेबिल प्रा. लि. के पक्ष में सैक्टर-18 और 20 में कुल 21 भूखण्डों का आवंटन पूर्व में किया गया था। यह सभी बूथ 200 वर्गमीटर के स्थान पर 100 वर्गमीटर के होंगे तथा प्राधिकरण के सैक्टर-18 व 20 के आवासीय पॉकेटों की आवश्यकताओं की पूर्ति करेंगे। प्राधिकरा बोर्ड द्वारा इस पर कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गयी है।
7. नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यीडा क्षेत्र में 500 वातानुकूलित ईबसों को जी.सी.सी. मोड पर संचालन किये जाने का अनुमोदन बोर्ड द्वारा दिया गया है।
8. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के सैक्टर-25 के अन्तर्गत 08 ग्रामों की अर्जित व कय भूमि के सापेक्ष 07 प्रतिशत आबादी भूमि के अन्तर्गत पूर्व से नियोजित 120 वर्गमीटर भूखण्डों की लीज डीड संपादित कराये जाने से पूर्व देयता की गणना संबंधित काश्तकार की अर्जित भूमि के सापेक्ष बन रहे भूखण्ड क्षेत्रफल के सापेक्ष 10 प्रतिशत भू-अर्जन मूल्य की धनराशि प्राधिकरण की वर्तमान अर्जन/कय की दर से गणना कर धनराशि जमा किये जाने का बोर्ड द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। पूर्व में जिन काश्तकारों का 120 मी० के भूखण्ड दे दिये गये हैं उनसे भूखण्ड के सापेक्ष अर्जन धनराशि का 10 प्रतिशत वापिस लिया जाये।
9. यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र में सैक्टर-29 में बन रहे अपैरल पार्क के अन्तर्गत कुल नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर (NAEC) के 82 सदस्यों को भूखण्डों का आवंटन किया गया है। यहां पर विकास कार्यों की समीक्षा की गयी। इन 82 आवंटियों में से 65 को लीज प्लान जारी किया जा चुका है जिनमें से 61 द्वारा लीज डीज संपादित करवा दी गयी है तथा 43 आवटियों द्वारा कब्जा प्रमाण पत्र भी प्राप्त करा दिया गया है, 16 आवंटियों द्वारा तलपट मानचित्र अनुमोदित करवा लिया गया है तथा 7 आवंटियों द्वारा स्थल पर फैक्टरी निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उक्त के अतिरिक्त भूखण्ड उसी सैक्टर में शिफ्ट कर हस्तांतरित किये गये।
10. प्राधिकरण क्षेत्र में लीगेसी स्टॉल्ड रियल स्टेट प्रोजेक्टस के अन्तर्गत कुल 07 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएं आच्छादित हैं जिनमें बिल्डर द्वारा नेट ड्यूज की 25 प्रतिशत धनराशि जमा करवा दी गयी है। 25 प्रतिशत के सापेक्ष जमा करवायी गयी धनराशि रूपये 407.90 करोड़ की है। अगले 1 वर्ष में इससे प्राधिकरण की सभावित आय रूपये 621 करोड की होगी। इन परियोजनाओं में अभी तक 6879 सब-आवंटियों द्वारा रजिस्ट्रियां करवायीं गयीं जिनमें से फरवरी 2024 से मार्च 2025 तक 800 रजिस्ट्रियां करवायीं गयीं हैं।
11. यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण द्वारा पूर्व में आवंटियों की सुविधा हेतु एकमुश्त समाधान योजना 6 बार लायी गयी थी जिससे प्राधिकरण को रूपये 551.55 करोड़ की आय प्राप्त हुयी थी। वर्तमान में अभी भी करीब 7917 आवंटी डिफॉल्टर हैं तथा जिन पर लगभग 4948 करोड़ की धनराशि बकाया है। ऐसे में अधिकांश आवंटी अतिरिक्त प्रतिकर व प्रीमियम की धनराशि दिये जाने के इच्छुक हैं तथा ओटीएस की योजना से उनको भी लाभा होगा तथा प्राधिकरण को डिफॉल्ट धनराशि की प्राप्ति होगी। अतः जनहित में प्राधिकरण द्वारा पुनः एकमुश्त समाधान योजना (OTS) की योजना 01.07.2025 से 31.08.2025 तक की अवधि हेतु लाये जाने का निर्णय लिया गया है।
12 यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र का सैक्टर-10 इलैक्ट्रोनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है। क्लस्टर हेतु उद्योग विभाग द्वारा तैयार किये गये डीपीआर के अनुसार प्रथम चरण में 32MVA विद्युत भार की आवश्यकता दर्शायी गयी है। सैक्टर-32 में वर्तमान में संचालित 220/132/33 केवी विद्युत उपकेन्द्र में प्राधिकरण हेतु 220/132 केवी विभव स्तर पर 160X2 MVA एव 132/33 केवी विभव स्तर पर 63X1MVA का पावर परिवर्तक स्थापित किया गया है। इसी उपकेन्द्र से जेवर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट को भी विद्युत आपूर्ति की जा रही है। सैक्टर-29, 32 एवं 33 में कुल 192 मेगावाट का विद्युत भार आकलित किया गया है। इसके अतिरिक्त जेवर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के विस्थापितों हेतु निर्मित की गयी आर एण्ड आर कोलोनी हेतु इसी विद्युत उपकेंद्र से 20MVA विद्युत भार तथा रबूपुरा स्थित 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र हेतु MVA विद्युत भार की आपूर्ति की जा रही है। इलेक्ट्रोनिक्स मैन्युफैक्चरिंग उद्योग मुख्यतः Power Intensive उद्योग की श्रेणी में आता है। इस औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित होने वाली कम्पनियों के पावर की अत्यधिक मांग की जाती हैं। तदानुसार विष्य में सैक्टर-10 में 132/33 केवी विद्युत उपकेंद्र की आवश्यकता संभावित है। उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत सैक्टर-10 में 132/33 केवी विद्युत उपकेंद्र हेतु 2.0 हैक्टेयर भूमि को आरक्षित एवं नियोजित किये जाने एवं भविष्य में आवश्यकता के दृष्टिगत उक्त 132/33 केवी विद्युत उपकेन्द्र एवं तत्संबंधी डबल सर्किट पारेषण लाईन का निर्माण यूपीपीटीसीएल विभाग से जमा पद योजना के अन्तर्गत कराये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया।
13. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जन सामान्य की सुविधा हेतु प्रथम INFORMAL SECTOR में आवासीय भूखण्डों की योजना के नियम व शर्तों के निर्धारण उपरान्त योजना लाये जाने के लिये बोर्ड द्वारा योजना पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुये नियम व शर्तें बनाने के लिये Consultant Hire करने व तद्नुसार सुसंगत प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया।
प्राधिकरण द्वारा सेक्टर 16, 17, 18, 20 व 22डी में 60 वर्ग मीटर से 4000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक के लगभग 28900 भूखण्डों का आवंटन किया गया है। जिसमें INFORMAL SECTOR हेतु चिन्हित भूमि पर 30 वर्ग मीटर के भूखण्डों की योजना लायी जानी प्रस्तावित है।
14. बोर्ड द्वारा सुपरटेक लि. द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव लेगेसी स्टाल्ड पॉलिसी के 25 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत धनराशि जमा करने के प्रस्ताद को अस्वीकृत किया गया।
15. मै० ग्रीनबे इनफाट्रक्चर प्रा. लि. के भूखण्ड संख्या टी.एस.-06, सैक्टर-22डी के प्रस्ताव पर पाया गया कि पूर्व में प्राधिकरण बोर्ड द्वारा दिये गये 03 माह के अतिरिक्त समय विस्तरण के बाद भी प्रथम देय किस्त अभी तक जमा नहीं करवाई गयी है तथा दूसरी किस्त भी देय है। प्राधिकरण बोर्ड द्वारा निर्णय लिया गया कि मै० ग्रीनबे इनफाट्रक्चर प्रा. लि. द्वारा दिनांक 30 जून 2025 तक अवशेष धनराशि रु 117. 73 करोड प्राधिकरण पक्ष में जमा ना कराये जाने की स्थिति में भूखण्ड निरस्त कर दिया जाये।
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