भारत के ये ‘नए नागरिक’ किस तरह की परेशानी झेल रहे हैं – ग्राउंड रिपोर्ट

पिंकी रानी रॉय

इमेज स्रोत, Rubaiyat Biswas

इमेज कैप्शन, पिंकी रानी रॉय कहती हैं कि बांग्लादेश में जो भारत के एनक्लेव हुआ करते थे, वहाँ के रहने वालों को बांग्लादेश सरकार ने कोई पहचान पत्र नहीं दिया था.

साल 2015 में ‘एनक्लेव’ के रहने वाले बांग्लादेशियों को भारत की विशेष नागरिकता दी गई थी. अब दस साल बाद इन ‘नए भारतीयों’ के सामने देश के दूसरे हिस्सों में अपनी नागरिकता को प्रमाणित करना टेढ़ी खीर बन गया है.

कई राज्यों में बांग्लादेशी घुसपैठियों के ख़िलाफ़ चल रहे विशेष अभियान की चपेट में पश्चिम बंगाल के कूच बिहार के ये ‘नए भारतीय नागरिक’ भी आ रहे हैं.

मामला ये है कि वे साल 2015 से पहले की अपनी भारत की नागरिकता प्रमाणित नहीं कर पा रहे हैं. इस कारण उन्हें वापस कूच बिहार लौटना पड़ रहा है.

दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस के उपायुक्त एम. हर्षवर्धन ने पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा है कि पुलिस के सामने पश्चिम बंगाल के ऐसे 31 ‘संदिग्ध’ मामले आए हैं. उनका कहना था कि इन ‘संदिग्धों’ के पहचान पत्रों की जाँच के लिए उनके दिए हुए पते पर पुलिस के अधिकारी जाकर सत्यापन कर रहे हैं.

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