Gopal Khemka Murder Case : बिहार की राजधानी पटना के चर्चित व्यापारी गोपाल खेमका की दिनदहाड़े हत्या ने जिस साजिश का इशारा किया था, अब उस पर से परदा उठ चुका है। पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल हत्याकांड में अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 14 संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। जांच में सामने आया है कि हत्या की जड़ में जमीन का पुराना विवाद था, और हत्या की साजिश अशोक साव नामक व्यक्ति ने रची थी। डीजीपी विनय कुमार और पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि 4 लाख रुपये की सुपारी में यह हत्या कराई गई, और इसे अंजाम देने वाले तीन शूटरों में से दो की पहचान हो चुकी है।
सीसीटीवी फुटेज ने खोले सुराग, उमेश यादव की गिरफ्तारी से खुली साजिश
हत्या की जांच में सीसीटीवी फुटेज ने अहम भूमिका निभाई। फुटेज के आधार पर बाइक की पहचान हुई और फिर कड़ी दर कड़ी जोड़ते हुए शूटर उमेश यादव तक पुलिस पहुंची। उसकी गिरफ्तारी के साथ ही हत्या में प्रयुक्त हथियार और 59 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए। सख्त पूछताछ में उमेश ने बताया कि अशोक साव ने ही 4 लाख रुपये में सुपारी दी थी, जिसमें 50 हजार रुपये एडवांस में दिए गए थे। अशोक ने ही शूटरों को गोपाल खेमका की दिनचर्या, आवाजाही और लोकेशन की जानकारी दी थी।
अशोक साव : वही चेहरा जो पहले भी हत्या के मामले में गया था जेल
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अशोक साव पूर्व में मनोज कमलिया हत्याकांड में भी आरोपी रहा है और जेल की हवा खा चुका है। इस केस में उसकी भूमिका सिर्फ साजिश रचने तक सीमित नहीं रही, उसने हथियार और पूरी योजना तैयार की। पुलिस जब अशोक के घर छापेमारी के लिए पहुंची, तो वहां से एक पिस्टल और जमीन से जुड़े कई अहम दस्तावेज बरामद हुए। मोबाइल की फॉरेंसिक जांच में गोपाल खेमका के साथ उसकी जमीन को लेकर गाली-गलौज वाली बातचीत की रिकॉर्डिंग भी मिली है, जो इस हत्या में साजिश की पुष्टि करती है।
बेटी की फीस के लिए बना हत्यारा, सुपारी के पैसे से चुकाई स्कूल की रकम
पूछताछ में शूटर उमेश यादव ने कबूल किया कि उसके पास आर्थिक तंगी थी और बेटी की स्कूल फीस लंबे समय से नहीं भर पाया था। हत्या से पहले ही उसने 45 हजार रुपये स्कूल में जमा किए, जो उसने सुपारी के एडवांस से भरे थे। यह पहलू इस हत्याकांड को एक और सामाजिक विडंबना की ओर इंगित करता है, जहां आर्थिक दबाव अपराध की ओर ले जाता है।
एनकाउंटर में मारा गया मुख्य शूटर ‘राजा’, जांच के घेरे में पुलिस कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक, तीन शूटरों में एक मस्तु पहले ही मारा जा चुका है, जबकि दूसरा ‘राजा’ हाल ही में एनकाउंटर में ढेर किया गया। अब इस एनकाउंटर की प्रक्रियात्मक जांच की जाएगी। डीजीपी ने साफ किया कि थाने के जिन पुलिसकर्मियों ने एनकाउंटर में हिस्सा लिया था, उन्हें जांच प्रक्रिया से अलग रखा जाएगा, ताकि निष्पक्षता बनी रहे। Gopal Khemka Murder Case
कहानी यहीं नहीं रुकी : बेटे की हत्या केस से भी जुड़े तार?
डीजीपी विनय कुमार ने यह भी बताया कि गोपाल खेमका के बेटे गुंजन की हत्या के मामले में 15 जुलाई को सुनवाई होनी है। इस बिंदु को भी जांच के दायरे में रखा गया है कि क्या पिता की हत्या में किसी तरह से उस पुराने केस से भी कोई संबंध है। पटना में व्यापारी वर्ग की सुरक्षा को लेकर यह घटना बड़ा सवाल खड़ा करती है। यह हत्याकांड एक व्यक्तिगत रंजिश, आर्थिक तंगी और संगठित साजिश का खतरनाक मिश्रण था। हालांकि पुलिस की तेज कार्रवाई से अब हत्याकांड के अधिकांश हिस्से उजागर हो चुके हैं, लेकिन जांच में कई परतें अभी भी खुलनी बाकी हैं। Gopal Khemka Murder Case